जानिए खिलाड़ियों पर कितना खर्च करता है भारत

विश्व एथलेटिक्स दिवस का इतिहास और महत्व
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
हर साल सात मई के दिन फिटनेस के महत्व को बताने और खेल के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए विश्व एथलेटिक्स दिवस मनाया जाता है। साल 1996 में अंतरराष्ट्रीय एमेच्योर एथलेटिक महासंघ ने इसकी शुरुआत की थी। इसी दिन इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन की स्थापना की गई थी। इस दिन, स्कूलों और कॉलेजों में कई अलग-अलग प्रतियोगिताओं और टूर्नामेंटों का आयोजन किया जाता है। हालांकि, कोरोना महामारी के कारण 2020 में इन्हें रोक दिया गया था।
विश्व एथलेटिक्स दिवस का उद्देश्य स्कूल कॉलेजों और अन्य संगठनों के छात्रों को खेल के संबंध में अवसर प्रदान करना है। इस दिन इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन शारीरिक गतिविधि के महत्व को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न खेल आयोजनों की व्यवस्था करता है। इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं के खेल कौशल पर जोर देना है और यह भी सुनिश्चित करना है कि वे एथलेटिक्स में अधिक से अधिक भाग लें। यह संगठन फिटनेस के फायदे के बारे में जागरूकता बढ़ाता है।
विश्व एथलेटिक्स दिवस पर स्कूलों, कॉलेजों और विभिन्न अन्य संस्थानों में दौड़, शॉट पुट जैसे कई एथलेटिक खेल आयोजित किए जाते हैं, जिसमें ताकत और सहनशक्ति की आवश्यकता होती है। ये सारे आयोजन इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन की तरफ से कराए जाते हैं। इस महासंघ का मानना है कि शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए स्कूल सबसे अच्छी जगह है। कोई भी दूसरी जगह बच्चों के पोषण और प्रशिक्षण की क्षमता के मामले में स्कूलों की बराबरी नहीं कर सकता। महासंघ के अनुसार एथलेटिक्स एक मुख्य खेल है जो बच्चों के सर्वांगीण विकास में योगदान देता है और उन्हें अन्य शारीरिक गतिविधियों में सक्षम बनाता है। स्कूलों के खेल कार्यक्रमों में एथलेटिक्स को सबसे अहम स्थान दिया जाना चाहिए।
भारत को स्वर्ण पदक दिलाने वाले नीरज चोपड़ा की कहानी
भारत को ट्रैक और फील्ड पर ओलम्पिक में पहला स्वर्ण पदक नीरज चोपड़ा ने दिलाया। 24 दिसम्बर 1997 को जन्मे नीरज चोपड़ा ने 87.58 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ पुरुषों की भाला फेंक फाइनल में पहला स्थान हासिल करके इतिहास रच दिया था। नीरज चोपड़ा का जन्म हरियाणा के पानीपत जिले के खंडरा गांव में हुआ था। 23 वर्षीय चोपड़ा से आने वाले समय में कई और पदकों की उम्मीद है। 
खिलाड़ियों पर कितना खर्च करता है भारत
केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने विश्व एथलेटिक्स दिवस के अवसर पर हरियाणा के पंचकूला में चौथे खेलो इंडिया यूथ गेम्स का लोगो लॉन्च करते हुए बताया कि देश के 2300 एथलीट्स पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं। एक एथलीट को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए छह लाख का खर्च आता है वहीं, युवा एथलीट्स को आगे बढ़ाने के लिए 140 करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं। 

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