यह अनुचित था, मैं खेल सकती थी फाइनलः पीवी सिंधु

अम्पायर के फैसले से व्यथित शटलर ने पदक समारोह में नहीं लिया हिस्सा
मनीला।
भारत की दो बार की ओलम्पिक पदक विजेता पीवी सिंधु की आंखों में तब आंसू आ गये, जब जापान की अकाने यामागुची के खिलाफ सेमीफाइनल मैच के दौरान अम्पायर के ‘अनुचित’ फैसले के कारण लय गड़बड़ाने से एशियाई बैडमिंटन चैम्पियनशिप जीतने का उनका सपना चकनाचूर हो गया। सिंधु पहला गेम जीतने के बाद दूसरे गेम में जब 14-11 से आगे थीं, तो उन पर सर्विस करते हुए बहुत अधिक समय लेने के लिए एक अंक की ‘पेनल्टी’ लगाई  गयी। 
इसके बाद उनकी लय गड़बड़ा गयी और आखिर में वह 21-13, 19-21, 16-21 से हार गयीं। इस तरह उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा। सिंधु ने मैच के बाद कहा, ‘अम्पायर ने मुझसे कहा कि आप बहुत समय ले रही हो, लेकिन विपक्षी खिलाड़ी उस समय तैयार नहीं थी। अम्पायर ने अचानक उसे अंक दे दिया और यह वास्तव में अनुचित था। मुझे  लगता है कि यह मेरी हार का एक कारण था। हो सकता था कि मैं मैच जीत जाती और फाइनल में खेलती।’ 
सिंधु ने कहा, ‘मैंने मुख्य रेफरी से बात की, वह आये और उन्होंने कहा कि फैसला पहले ही हो चुका है। मुख्य रेफरी के रूप में आपको कम से कम यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि गलती क्या थी। उन्हें रीप्ले देखकर फैसला करना चाहिए था।’ सिंधु के पिता पीवी रमना ने कहा कि उसे स्वर्ण जीतने का भरोसा था और इसलिए वह बहुत निराश है। जब उसने मुझसे बात की तो वह रो  रही थी।   
कयास लगाये जा रहे थे कि सिंधु कांस्य पदक स्वीकार नहीं करेंगी, क्योंकि उन्होंने पदक समारोह में हिस्सा नहीं लिया था, लेकिन उन्होंने पदक के साथ तस्वीर ट्वीट करके इन अटकलबाजियों पर विराम लगा दिया। सिंधु ने ट्वीट किया, ‘पीड़ादायक अभियान के आखिर में पदक हमेशा विशेष होता है। यह इससे बेहतर हो सकता था। अब निगाह अगली प्रतियोगिता पर है।’ उनके पिता ने स्पष्ट किया कि पदक वितरण समारोह में उपस्थित नहीं हो पाने के लिए अधिकारियों से अनुमति ली गयी थी, उसे स्वदेश के लिए उड़ान पकड़नी थी।

 

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