दुती चंद ने 100 मीटर में जीता गोल्ड, 200 मीटर में रजत

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स: जैन यूनिवर्सिटी बरकरार
खेलपथ संवाद
बेंगलुरू।
बेंगलुरु में चल रहे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के दूसरे संस्करण को एक सप्ताह पूरा हो गया है। श्रीकांतिरवा स्टेडियम में 24 अप्रैल से शुरू हुए इन खेलों के सातवें दिन 30 अप्रैल को भारत की शीर्ष रेसर और ओलम्पियन दुती चंद ने 100 मीटर दौड़ में गोल्ड जीता लेकिन 200 मीटर में उन्हें चांदी के पदक से संतोष करना पड़ा। 
ओडिशा के कलिंग औद्योगिक प्रौद्योगिकी संस्थान (केआईआईटी) की ओर से इन खेलों में हिस्सा ले रही दुती ने पहले संस्करण में भी 100 मीटर दौड़ का खिताब जीता था और इस बार भी इसका बचाव करने में सफल रहीं। इन खेलों में बैंगलोर के जैन विश्वविद्यालय का दबदबा बरकरार है।
शनिवार को भी कई स्पर्धाओं में मेडल राउंड हुए और कई खिलाड़ियों ने मेडल पर कब्जा जमाया। इसमें सबसे ज्यादा निगाहें महिलाओं की 100 मीटर दौड़ पर रहीं, जिसमें भारत की सबसे तेज धावक और टोक्यो ओलम्पिक की प्रतिभागी दुती चंद की निगाहें टिकी रहीं। दुती इस इवेंट में न केवल खिताब की दावेदार थीं, बल्कि डिफेंडिंग चैंपियन भी थीं। उन्होंने 2020 में पहले संस्करण में विश्वविद्यालय रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता था।
ओडिशा की 26 वर्षीय खिलाड़ी ने किसी को निराश नहीं किया और जैसा कि अपेक्षित था और प्रतिष्ठापूर्ण फाइनल में सबसे तेज निकलीं। ओडिशा के केआईआईटी का प्रतिनिधित्व करने वाली दुती ने फाइनल में 11.68 सेकेंड के समय के साथ स्वर्ण पदक जीता। हालांकि यह पिछले संस्करण के 11.49 सेकेंड से काफी पीछे था, लेकिन यह स्वर्ण जीतने के लिए काफी था। दुती ने लगातार दूसरे गोल्ड के बाद ट्वीट कर अपनी खुशी जाहिर की।
वहीं, महिला जुडोका में भी अहम नतीजा देखने को मिला, जहां 65 किलोग्राम वर्ग में हरियाणा के रोहतक की प्रीति गुलिया ने स्वर्ण पदक जीता। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से भाग लेने वाली प्रीति ने पंजाब के लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी की अपनी सबसे कठिन प्रतिद्वंद्वी उन्नति शर्मा को हराकर खिताब जीता। उन्नति ने हाल ही में हुए अखिल भारतीय विश्वविद्यालय खेलों और जूनियर नेशनल में प्रीति को हराया था। ऐसे में प्रीति को अपने खिलाफ मिली इस जीत से राहत मिली है। प्रीति ने केआईयूजी के पहले संस्करण में इसी स्पर्धा का कांस्य पदक जीता था। जहां तक ​​मेडल टैली का सवाल है, बैंगलोर की जैन यूनिवर्सिटी अभी भी इसमें शीर्ष पर है। दूसरे नंबर पर पंजाब की एलपीयू है। अब तक 51 विश्वविद्यालयों ने कम से कम 1 स्वर्ण जीता है, जबकि कुल 111 विश्वविद्यालयों ने कम से कम 1 पदक जीता है।

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