महेन्द्र सिंह धोनी ने मुंबई को धुनका

रोहित सेना की आईपीएल में लगातार सातवीं पराजय
नई दिल्ली।
आईपीएल को जिस मैच का इंतजार था वह गुरुवार (21 अप्रैल) को मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेला गया। पांच बार की चैंपियन मुंबई इंडियंस का सामना चार बार की चैंपियन टीम चेन्नई सुपरकिंग्स से हुआ। लो-स्कोरिंग मैच में रोमांच अपने चरम पर था। दर्शकों को जिस तरह का अंत चाहिए था ठीक वैसा ही हुआ। दुनिया के महानतम फिनिशर महेंद्र सिंह धोनी ने मैच को आखिरी गेंद पर फिनिश किया और एक बार फिर साबित कर दिया कि माही है तो मुमकिन है।
खराब बल्लेबाजी करने वाली मुंबई की टीम ने पहली बार सीजन में गेंदबाजी में प्रभावित किया। 155 रन के स्कोर को बचाते हुए उन्होंने मैच को अंतिम ओवर तक पहुंचा दिया। धोनी ने अगर वह पारी नहीं खेली होती तो मुंबई की टीम यह मैच जीत जाती। रोहित शर्मा की टीम सीजन में पहली जीत से दूर रह गई। आईपीएल इतिहास में यह पहला अवसर है जब कोई टीम शुरुआती सात मैचों में हारी है।
मैच में टर्निंग पॉइंट्स
मुकेश चौधरी ने मुंबई की कमर तोड़ी: चेन्नई के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मुकेश चौधरी ने मैच के पहले ही ओवर में रोहित शर्मा और ईशान किशन को आउट कर मुंबई की कमर तोड़ दी। इसके बाद उन्होंने डेवाल्ड ब्रेविस को आउट कर मुंबई को बड़ा झटका दे दिया। तीन ओवर में 23 रन पर तीन विकेट गिर जाने के बाद मुंबई पूरी तरह दबाव में आ गई।
कीरोन पोलार्ड को धोनी ने फंसाया: वेस्टइंडीज के विस्फोटक बल्लेबाज कीरोन पोलार्ड नौ गेंद पर 14 रन बनाकर खेल रहे थे। ऐसा लग रहा था कि पोलार्ड आखिरी ओवरों में तेजी से रन बनाकर मुंबई को 170 रन के करीब पहुंचा देंगे, लेकिन धोनी का मन कुछ और ही था। उन्होंने एक बार फिर पोलार्ड को फंसाया। चेन्नई के कप्तान जडेजा हैं, लेकिन फील्ड सेट धोनी ने किया। सामने की ओर तीन खिलाड़ियों को लगा दिया। पोलार्ड ने स्पिनर महेश तीक्षणा ने छक्का मारने के लिए शॉट खेला, लेकिन बाउंड्री पर शिवम दुबे के हाथों लपके गए।
धोनी ने आखिरी ओवर में उनादकट को धोया: चेन्नई को जीत के लिए आखिरी ओवर में 17 रन बनाने थे। क्रीज पर ड्वेन प्रिटोरियस और धोनी थे। जयदेव उनादकट ने इससे पहले तीन ओवरों में अच्छी गेंदबाजी की थी। ऐसे में लग रहा था कि वे मुंबई को मैच जीता देंगे। पहली गेंद पर प्रिटोरियस को आउट कर उन्होंने अच्छी शुरुआत भी की। दूसरी गेंद पर ड्वेन ब्रावो ने एक रन लिया। आखिरी चार गेंदों पर धोनी ने 16 रन बनाकर मैच पलट दिया।
दोनों कप्तानों का कैसा रहा प्रदर्शन?
रोहित शर्मा की बात करें बल्लेबाजी से एक बार फिर उन्होंने निराश किया। सीजन में एक भी अर्धशतक नहीं लगाने वाले रोहित शून्य पर आउट हो गए। हालांकि, फिल्डिंग के दौरान रोहित ने पहली बार सीजन में बेहतरीन कप्तानी की। उन्होंने लो-स्कोरिंग मैच में गेंदबाजों को सही तरीके से रोटेट कर मैच को अंतिम ओवर तक पहुंचाया। दूसरी ओर, जडेजा के लिए यह मैच न तो फिल्डिंग में अच्छा रहा और न ही बल्लेबाजी में। उन्होंने कई कैच छोड़े। बल्लेबाजी में आठ गेंद पर तीन रन बनाकर आउट हुए। कप्तानी में इस बार जडेजा ने प्रभावित किया। उन्होंने सही समय पर सही गेंदबाजों का इस्तेमाल किया और मुंबई की टीम को 155 रन पर रोक दिया।
मुंबई के लिए मैच में क्या-क्या हुआ?
सकारात्मक पक्ष: बल्लेबाजी में सूर्यकुमार और तिलक वर्मा ने एक बार फिर मुंबई को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। डेब्यू मैच में ऋतिक शौकीन ने 25 गेंद पर 25 रन बनाए। आखिरी ओवरों में जयदेव उनादकट ने नौ गेंद पर 19 रन बनाकर टीम को 150 के पार पहुंचाया। गेंदबाजी में डैनियल सैम्स, जसप्रीत बुमराह, राइली मेरेडिथ और ऋतिक शौकीन ने प्रभावित किया। सैम्स ने 7.50, बुमराह ने 7.20, मेरेडिथ ने 6.20 और ऋतिक ने 5.20 की इकोनॉमी से रन दिए।
नकारात्मक पक्ष: रोहित शर्मा, ईशान किशन, डेवाल्ड ब्रेविस फेल रहे। तीनों ने मिलकर कुल चार रन ही बनाए। रोहित और ईशान खाता भी नहीं खोल सके। सूर्यकुमार अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल सके। पोलार्ड भी फेल रहे। गेंदबाजी में जयदेव उनादकट के लिए यह मैच भूलने वाला रहा। उन्होंने चार ओवर में 48 रन दे दिए। जसप्रीत बुमराह ने भले ही रन कम दिए, लेकिन विकेट नहीं ले सके।
चेन्नई के लिए मैच में क्या-क्या हुआ?
सकारात्मक पक्ष: गेंदबाजी में मुकेश चौधरी ने मुंबई पर कहर बरपा दिया। उन्होंने शुरुआती तीन विकेट लेकर चेन्नई के पक्ष में मैच कर दिया था। मिशेल सैंटनर ने भी बेहतरीन गेंदबाजी की। रवींद्र जडेजा को विकेट नहीं मिला, लेकिन उन्होंने रन कम लुटाए। बल्लेबाजी में रॉबिन उथप्पा, अंबाती रायुडू, ड्वेन प्रिटोरियस और महेंद्र सिंह धोनी ने शानदार प्रदर्शन किया और टीम को मैच में जीत दिलाई।
नकारात्मक पक्ष: गेंदबाजी में ड्वेन ब्रावो ने निराश किया। तीक्षणा इस मैच में महंगे साबित हुए। बल्लेबाजी में ऋतुराज गायकवाड़ शून्य पर आउट हो गए। सैंटनर को तीसरे क्रम में बल्लेबाजी के लिए भेजा गया, लेकिन उन्होंने निराश किया। शिवम दुबे और रवींद्र जडेजा भी फेल रहे।

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