दिल्ली के सामने बेबस नजर आई पंजाब की टीम

न बल्लेबाज चले न गेंदबाज, नौ विकेट से हारे
मुम्बई।
कोरोनावायरस से परेशान होने वाली दिल्ली कैपिटल्स ने मजबूत मानसिकता दिखाते हुए पंजाब किंग्स को रौंद दिया। उसने मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में बुधवार (20 अप्रैल) को खेले गए मुकाबले में नौ विकेट से बड़ी जीत दर्ज की। मैच शुरू होने तक दिल्ली के कैंप में छह सदस्य कोविड पॉजिटिव पाए गए। एक समय तो ऐसा लगा कि मैच को टाल दिया जाएगा। कप्तान ऋषभ पंत ने भी जीत के बाद कहा कि मैच टलने वाला था। लगातार परेशानियों का सामना करने के बावजूद पंत की टीम ने शानदार जीत दर्ज की।
मैच में पंजाब किंग्स के लिए कुछ भी अच्छा नहीं हुआ। पहले तो कप्तान मयंक अग्रवाल टॉस हार गए। दिल्ली ने गेंदबाजी का फैसला किया। फिर बल्लेबाजों ने निराश किया। टीम ने सीजन का सबसे छोटा स्कोर (115 रन) बनाया। सात बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा नहीं छू सके। बल्लेबाजों के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उम्मीद थी कि गेंदबाज मैच में जान लाएंगे, लेकिन उन्होंने भी प्रशंसकों को निराश ही किया। दिल्ली की टीम 63 गेंदों में ही मैच जीत गई।
मैच में टर्निंग पॉइंट्स
40 गेंद में पंजाब के चार विकेट गिरे: पंजाब की टीम की शुरुआत खराब रही। 40 गेंद (6.4 ओवर) में टीम के शुरुआती चार बल्लेबाज पवेलियन लौट गए। चौथे ओवर में शिखर धवन के आउट होने से जो सिलसिला शुरू हुआ, वह अंत तक चलता रहा। ऋषभ पंत ने ललित यादव की गेंद पर मुश्किल कैच लेकर पंजाब को बड़ा झटका दिया। धवन के बाद पांचवें ओवर में मयंक अग्रवाल, छठे ओवर में लियाम लिविंगस्टोन और सातवें ओवर में जॉनी बेयरस्टो आउट हुए। शुरुआती चार विकेट गिरने के बाद टीम दबाव में आ गई और बड़े स्कोर तक नहीं पहुंच पाई।
वॉर्नर को मिला जीवनदान: दिल्ली की पारी के चौथे ओवर में कगिसो रबाडा गेंदबाजी कर रहे थे। उनकी गेंद पर डेविड वॉर्नर ने स्क्वायर लेग की ओर शॉट खेला, लेकिन गेंद बल्ले के बाहरी किनारे से लगकर ऊपर चली गई। शिखर धवन और नाथन एलिस दोनों कैच लेने के लिए दौड़े, लेकिन दोनों नाकाम रहे। एलिस के लिए यह आसान कैच था, लेकिन धवन को देखकर उन्होंने खुद को पीछे कर लिया। वॉर्नर ने जीवनदान मिलने के बाद ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की और 53वां अर्धशतक लगाकर टीम को जीत दिला दी।
दोनों कप्तानों का कैसा रहा प्रदर्शन?
मयंक अग्रवाल का बल्ला इस सीजन में एक बार फिर नहीं चला। कप्तानी का दबाव उनके खेल पर साफ तौर पर दिख रहा है। मुस्तफिजूर रहमान की गेंद पर बोल्ड होने से पहले मयंक ने 15 गेंद पर 24 रन बना लिए थे। पिछले कई मुकाबलों में अच्छी शुरुआत के बाद उन्होंने अपना विकेट आसानी से दे दिया है। इस बार भी वही हुआ। फिल्डिंग के दौरान मयंक गेंदबाजों का इस्तेमाल सही से नहीं कर पाए। पहली पारी में स्पिनर्स ने ज्यादा विकेट लिए थे। इसे देखने के बावजूद मयंक ने चार तेज गेंदबाजों से पहले गेंदबाजी कराया। स्पिनर राहुल चाहर का अंत में इस्तेमाल किया।
दूसरी ओर, पंत को बल्लेबाजी का मौका तो नहीं मिला, लेकिन फिल्डिंग के दौरान उन्होंने प्रभावित किया। कोरोना से लड़ रही टीम का उन्होंने मनोबल बढ़ाए रखा। विकेट को सही तरीके से पढ़ने में पंत कामयाब रहे। चौथे ओवर में ही उन्होंने स्पिनर ललित यादव को बुलाया और कामयाबी मिली। इसके बाद छठे ओवर में अक्षर पटेल को गेंदबाजी सौंपी। उन्होंने भी विकेट लेकर कप्तान को दिया। कुलदीप यादव का भी इस्तेमाल पंत ने शानदार तरीके से किया।
पंजाब के लिए मैच में क्या-क्या हुआ?
सकारात्मक पक्ष: बल्लेबाजी के हिसाब से टीम के लिए एक भी चीज अच्छी नहीं हुई। किसी भी बल्लेबाज ने क्रीज पर टिकने की हिम्मत नहीं दिखाई। वहीं, गेंदबाजी में राहुल चाहर ने विकेट लिया। पंजाब को मैच में एक ही विकेट मिला।
नकारात्मक पक्ष: यह मैच पंजाब की नाकामियों के लिए जाना जाएगा। न तो बल्लेबाज चले और न ही गेंदबाज। शीर्ष क्रम से लेकर मध्यक्रम तक ने निराश किया। नीचे के बल्लेबाजों में शाहरुख खान एक बार फिर फेल रहे। उन्हें अगले मैच में हटाया जा सकता है। शाहरुख की जगह किसी और को मौका देना चाहिए। जॉनी बेयरस्टो का बल्ला फिर खामोश रहा। विस्फोटक भानुका राजपक्षे की जगह उन्हें खेलने का मौका मिल रहा है और वे लगातार निराश कर रहे हैं। उनसे बेहतर तो राजपक्षे बल्लेबाजी कर रहे थे। मयंक अग्रवाल को कड़े फैसले लेने होंगे। 
गेंदबाजी में वैभव अरोड़ा, कगिसो रबाडा, अर्शदीप सिंह और नाथन एलिस सभी महंगे साबित हुए। एलिस का यह पहला मैच था। उन्होंने कुछ हद तक प्रभावित जरूर किया, लेकिन विकेट लेने में नाकाम रहे। वैभव ने डेब्यू मैच के बाद निराश ही किया है। उनके स्थान पर संदीप शर्मा को मौका दिया जा सकता है।
दिल्ली के लिए मैच में क्या-क्या हुआ?
सकारात्मक पक्ष: गेंदबाजों ने सीजन में पहली बार एक साथ शानदार प्रदर्शन किया। कुलदीप यादव, अक्षर पटेल, ललित यादव, खलील अहमद और मुस्तफिजूर रहमान ने बल्लेबाजों को बांधे रखा। इस कारण नियमित अंतराल पर पंजाब के विकेट गिरते रहे। बल्लेबाजों की बात करें डेविड वॉर्नर ने फिर से बताया कि क्यों उन्हें सबसे खतरनाक ओपनर्स में गिना जाता है। पृथ्वी शॉ ने भी तूफानी पारी खेली।
नकारात्मक पक्ष: गेंदबाजी में एकमात्र शार्दुल ठाकुर ने निराश किया। दो ओवरों में उन्होंने 20 रन दे दिए। इस सीजन में शार्दुल अपने पुराने रंग में नहीं दिख रहे। उनकी गेंदों पर लगातार रन बन रहे हैं। बल्लेबाजी में पृथ्वी ने जरूर शानदार पारी खेली, लेकिन उन्हें छोटे स्कोर वाले मुकाबले में मैच को फिनिश करना चाहिए था। वे अक्सर अच्छी शुरुआत के बाद विकेट गंवा देते हैं। यहां भी ऐसा ही देखने को मिला। कोच रिकी पोंटिंग को उनसे बड़ी पारियों की उम्मीद है।

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