चहल की गुगली पढ़ने में फेल हुए कोलकाता के धुरंधर

कोलकाता की लगातार तीसरी पराजय
युजवेंद्र चहल ने 17वें ओवर में हैटट्रिक सहित चार विकेट लिए
मुम्बई।
आईपीएल 2022 में सोमवार को राजस्थान रॉयल्स ने रोमांचक मैच में कोलकाता नाइट राइडर्स को सात रन से हरा दिया। इस मैच में फैन्स को एंटरटेनमेंट का सही डोज मिला। शतक से लेकर हैट्रिक तक इस मैच में सबका तड़का लगा। राजस्थान ने पहले बैटिंग करते हुए इस सीजन का सबसे बड़ा स्कोर खड़ा किया। उन्होंने 20 ओवर में पांच विकेट गंवाकर 217 रन बनाए। जवाब में कोलकाता की टीम 19.4 ओवर में 210 रन बनाकर ऑलआउट हो गई।
कोलकाता के बल्लेबाजों ने राजस्थान के स्पिनर्स के सामने खुद को सरेंडर कर दिया। जहां कोलकाता के दो स्पिनर्स वरुण चक्रवर्ती और सुनील नरेन ने मिलकर दो विकेट झटके। वहीं, राजस्थान के दो स्पिनर्स रविचंद्रन अश्विन और युजवेंद्र चहल ने मिलकर छह विकेट झटके। यहीं कोलकाता की टीम से चूक हो गई और वह मैच हार गई।
मैच के टर्निंग प्वाइंट
1. उमेश का पावर-प्ले में विकेट ना निकालना: उमेश यादव ने सीजन की शुरुआत शानदार अंदाज में की थी। उन्होंने कोलकाता के शुरुआती चार मैचों में पावर-प्ले यानी पहले छह ओवर में ही विपक्षी टीम को झटका दिया। इससे सामने वाली टीम को उबरने का मौका नहीं मिलता था। हालांकि, पिछले तीन मैचों में वह ऐसा करने में नाकाम रहे हैं। शुरुआती चार मैचों में उमेश ने नौ विकेट निकाले थे, जबकि पिछले तीन मैचों में उन्हें सिर्फ एक विकेट मिला है। यही वजह रही है कि टीम को पिछले तीन मैचों में लगातार हार का सामना करना पड़ा है। 
2. वरुण चक्रवर्ती की चमक पड़ी फीकी: पिछले साल रनर अप रही कोलकाता की टीम और इस सीजन में एक जो सबसे बड़ा बदलाव देखने को मिला है, वह ये है कि मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती विकेट निकालने में नाकाम रहे हैं। इस सीजन वह अब तक सात मैचों में सिर्फ चार विकेट निकाल पाए हैं। पिछले सीजन तक वरुण पावर-प्ले में भी विकेट हासिल करते थे, लेकिन इस सीजन ऐसा नहीं हो सका है। राजस्थान के खिलाफ मैच में भी वरुण को कोई विकेट नहीं मिला। उन्होंने सिर्फ दो ओवर गेंदबाजी की और 30 रन लुटाए। 
3. हेटमायर की मैच फिनिशिंग स्किल: राजस्थान ने इस साल मेगा ऑक्शन में दिल्ली से लड़कर वेस्टइंडीज के विस्फोटक बल्लेबाज शिमरोन हेटमायर को खरीदा। यह टीम के लिए वरदान साबित हुआ और हेटमायर ने अपने मैच फिनिशिंग स्किल से सभी को प्रभावित किया है। कोलकाता के खिलाफ भी हेटमायर ने आखिरी ओवरों में कुछ बड़े शॉट लगाए। वह 13 गेंदों पर दो चौके और दो छक्के की मदद से 26 रन बनाकर नाबाद रहे। इसकी बदौलत राजस्थान की टीम 217 का स्कोर बना सकी। आखिरी पांच ओवर में राजस्थान की टीम ने 54 रन बनाए।
4. बटलर का शतक: इस सीजन जोस बटलर का तोड़ निकालने में विपक्षी टीमें नाकाम रही हैं। कोलकाता के खिलाफ भी बटलर ने शानदार शतक लगाया। उन्होंने 103 रन की पारी खेली और सामने वाली टीम बस उन्हें छक्के-चौके लगाते हुए देखती रही। उनके शतक ने ही मैच में अंतर ला दिया। बटलर 61 गेंदों पर नौ चौके और पांच छक्के की मदद से 103 रन बनाकर आउट हुए। यहीं से कोलकाता की टीम बैकफुट पर चली गई थी।
5. रसेल का सस्ते में आउट होना: आंद्रे रसेल किसी भी मैच को अपने दम पर पलटने का माद्दा रखते हैं। उन्होंने कई बार ऐसा किया भी है। हालांकि, राजस्थान के खिलाफ वह ऐसा नहीं कर सके। रविचंद्रन अश्विन ने कोलकाता की पारी के 14वें ओवर में कैरम बॉल पर रसेल को उनकी पहली ही गेंद पर क्लीन बोल्ड किया। रसेल शून्य पर आउट हुए और यह कोलकाता के लिए बड़ा झटका रहा।
6. युजवेंद्र चहल की हैटट्रिक: मैच में रही सही कसर युजवेंद्र चहल ने 17वें ओवर में पूरी कर दी। एक वक्त कोलकाता की टीम ने मुकाबले में पकड़ बना ली थी। आखिरी चार ओवर में टीम को 40 रन की जरूरत थी और उसके छह विकेट बचे थे। इसके बाद 17वें ओवर में युजवेंद्र चहल गेंदबाजी के लिए आए और यहां से उन्होंने मैच पलट दिया। चहल ने इस ओवर में हैटट्रिक समेत चार विकेट झटके। उन्होंने इसी एक ओवर में वेंकटेश अय्यर, श्रेयस अय्यर, शिवम मावी और पैट कमिंस को पवेलियन भेजा। 
दोनों कप्तानों का कैसा रहा प्रदर्शन?
राजस्थान के कप्तान संजू सैमसन ने अच्छी बल्लेबाजी तो की, लेकिन उसे बड़ी पारी में तब्दील करने में नाकाम रहे। जोस बटलर ने देवदत्त पडिक्कल के साथ मिलकर राजस्थान को अच्छी शुरुआत दिलाई। दोनों ने 97 रन की ओपनिंग पार्टनरशिप की। ऐसे में सैमसन को दूसरे छोर पर मौजूद बटलर के साथ एंकर का रोल निभाना था, लेकिन सैमसन ने आते ही बड़े शॉट लगाने शुरू कर दिए। वह 19 गेंदों पर 38 रन बनाकर आउट हुए। इसमें तीन चौके और दो छक्के शामिल हैं। कोलकाता की पारी के दौरान भी सैमसन पर दबाव दिखा और कुछ मौकों पर तो ऐसा लगा कि राजस्थान की टीम यह मैच गंवा देगी, लेकिन सीनियर खिलाड़ी जोस बटलर, रविचंद्रन अश्विन और ट्रेंट बोल्ट ने आखिर में गेंदबाजों को सही तरीके से गाइड किया, जिससे टीम जीत सकी। वहीं, कोलकाता के कप्तान श्रेयस अय्यर का भी यही हाल रहा। श्रेयस ने फील्डिंग के दौरान जो भी पैंतरे आजमाए, वह गलत साबित हुए। केकेआर के गेंदबाज रन लुटाते रहे। हालांकि, बल्लेबाजी में श्रेयस ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन किया। वह अकेले दम पर मैच को पलट रहे थे,  लेकिन चहल ने उनको पवेलियन भेज राजस्थान को जीत दिलाई। श्रेयस ने 51 गेंदों पर सात चौके और चार छक्के की मदद से 85 रन की पारी खेली। वह पहले ही ओवर में सुनील नरेन के आउट होने पर मैदान में उतरे थे और 17 ओवर तक बल्लेबाजी करते रहे। 
कोलकाता के लिए मैच में क्या-क्या हुआ?
सकारात्मक पक्ष: पिछले कुछ मैचों में लचर प्रदर्शन के बाद सुनील नरेन ने फॉर्म में लौटने के संकेत दिए। एक तरफ जहां कोलकाता के बाकी गेंदबाज रन लुटा रहे थे, वहीं, सुनील नरेन ने चार ओवर में सिर्फ 21 रन देकर दो विकेट झटके। इसके अलावा केकेआर के ओपनर एरॉन फिंच ने भी फॉर्म में वापसी की और टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई। फिंच ने 28 गेंदों पर नौ चौके और दो छक्के की मदद से 58 रन की पारी खेली। कप्तान श्रेयस अय्यर ने तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए शानदार पारी खेली और आगामी टी-20 विश्व कप के लिए अपना दावा मजबूत किया।
नकारात्मक पक्ष: कोलकाता के लिए सबसे नुकसानदायक उनकी गेंदबाजी रही। टीम के चार गेंदबाजों ने 10 से ऊपर की इकोनॉमी से रन लुटाए। उमेश यादव ने चार ओवर में 44 रन (11.00), वरुण ने दो ओवर में 30 रन (15.00), पैट कमिंस ने चार ओवर में 50 रन (12.50) और आंद्रे रसेल ने दो ओवर में 29 रन (14.50) लुटाए। इसके अलावा टीम की बल्लेबाजी भी कुछ खास नहीं रही। फिंच और श्रेयस को छोड़ दें तो बाकी कोई भी बल्लेबाज उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाया। नरेन शून्य, नीतीश राणा 18 रन, रसेल शून्य, वेंकटेश अय्यर छह रन और शेल्डन जैक्सन आठ रन बना सके। टीम को एक अच्छे मैच फिनिशर की भी जरूरत है। 
राजस्थान के लिए मैच में क्या-क्या हुआ?
सकारात्मक पक्ष: राजस्थान की टीम सीजन की सबसे मजबूत टीमों में से एक है। टीम की बल्लेबाजी प्लस प्वाइंट है। जोस बटलर, देवदत्त पडिक्क ने टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई, तो मध्यक्रम में सैमसन और हेटमायर ने शानदार बल्लेबाजी की। टीम में शानदार गेंदबाजों की भी भरमार है। अश्विन और चहल ने अपने अनुभव का फायदा उठाते हुए आखिर में मैच पलट दिया। वहीं, टीम को ओबेड मैकॉय के रूप में नया मैच विनर मिला। मैकॉय ने आखिरी ओवर में 11 रन नहीं बनाने दिए। इस बाएं हाथ के तेज गेंदबाज की आखिर में सैमसन ने भी जमकर तारीफ की। अश्विन ने चार ओवर में 38 रन जरूर लुटाए, लेकिन उनकी कैरम बॉल का जादू अब भी कायम है। रसेल को आउट कर अश्विन ने राजस्थान को मैच में वापस ला दिया। उनका अनुभव टीम को काफी रास आ रहा है और खुद हेड कोच कुमार संगकारा यह बात कह चुके हैं। वहीं, चहल ने पांच विकेट लेकर टी-20 विश्व कप के लिए अपना दावा मजबूत कर लिया है।
नकारात्मक पक्ष: इस मैच में राजस्थान ने कुछ बदलाव किए थे। दक्षिण अफ्रीका के विस्फोटक बल्लेबाज वान डर डुसेन की जगह करुण नायर को प्लेइंग-11 में जगह मिली, लेकिन नायर कुछ खास नहीं कर सके। वह पांच गेंदों पर तीन रन बनाकर आउट हुए। वहीं, रियान पराग भी आखिरी के कुछ ओवरों में बड़े शॉट खेलने में नाकाम रहे हैं। इस मैच में टीम को अपने सबसे अनुभवी तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट के साथ की जरूरत थी, लेकिन बोल्ट काफी महंगे साबित हुए। उन्होंने चार ओवर में 12 की इकोनॉमी से 48 रन लुटाए और कोई विकेट हासिल नहीं हुआ। इसके अलावा प्रसिद्ध कृष्णा ने भी चार ओवर में 43 रन दिए और उन्हें एक विकेट हासिल हुआ। आगे के मैचों में इन दोनों को वापसी करनी होगी। 

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