रोंगटे खड़े करने वाली है युजवेंद्र की आपबीती

नशेड़ी क्रिकेटर ने 15वीं मंजिल की बालकनी से लटकाया
तो क्या चहल को क्रिकेटर का नाम उजागर करना चाहिए
मुम्बई।
क्रिकेट को भद्रजनों का खेल कहा जाता है लेकिन फिरकी गेंदबाज युजवेन्द्र चहल ने जो रोंगटे खड़े करने वाली आपबीती सुनाई उससे तो ऐसा नहीं लगता। चहल के खुलासे के बाद अधिकांश क्रिकेटप्रेमी चाहते हैं कि उस क्रिकेटर के नाम का खुलासा भी होना चाहिए। यह बात धाकड़ बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग ने भी कही है।
आईपीएल के 15वें सीजन में राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेलने वाले लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने अपने साथ हुई एक घटना को लेकर खुलासा किया है। उनको एक खिलाड़ी ने बालकनी से नशे की हालत में लटका दिया था। चहल ने राजस्थान रॉयल्स के यू-ट्यूब चैनल पर टीम के खिलाड़ी आर. अश्निन और करुण नायक के साथ बातचीत के दौरान बताया कि 2013 में आईपीएल के दौरान उनको जीवनदान मिला था।
उन्होंने कहा, 'मैंने यह स्टोरी किसी को नहीं सुनाई है, कुछ लोगों को इसके बारे में पता है। अब लोग यह जान लेंगे। 2013 में जब मैं मुंबई इंडियंस की ओर से खेल रहा था, उस दौरान एक मैच बेंगलुरु में था। मैच के बाद गेट टु गेदर रखा गया था। एक खिलाड़ी ने बहुत ज्यादा शराब पी थी। मैं उनके नाम का खुलासा नहीं करूंगा। वह काफी देर से मुझे देख रहे थे। उसके बाद वह नशे की हालत में मुझे बालकनी में लेकर गए। करीब 15 मंजिला इमारत की बालकनी से उन्होंने मुझे नीचे लटका दिया।
मैंने उनकी गर्दन को पकड़ा हुआ था। मैं काफी डर गया। अगर हाथ छूट जाता तो शायद ही मैं जिंदा बचता। वहां पर काफी लोग थे। उन्होंने तुरंत मुझे संभाला। मैं बेहोश हो गया था। लोगों ने मुझे पानी पिलाया। उस दिन मुझे अहसास हुआ कि बाहर जाते वक्त हमें कितना जिम्मेदार होना चाहिए। मैं जाते-जाते बच गया। जरा सी चूक होने पर मैं नीचे गिर गया होता।
करुण नायक ने भी एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि साल 2016 में जिम्बाब्वे के खिलाफ मैच में टीम इंडिया से वनडे में डेब्यू किया था। मां ने टीम इंडिया से खेलने की मन्नत मांगी थी। जब वनडे खेलकर लौटा, तो केरल में एक मंदिर में पूरे परिवार के साथ गया। मंदिर नदी पार करके जाना था। नाव पर 15-16 लोग बैठे हुए थे। जब नाव चालक ने मंदिर के नजदीक पहुंचने पर नाव को मोड़ा तो मैं नीचे गिर गया। मैं कुछ समझता, तब तक मैं पानी के अंदर चला गया। मुझे कुछ समझ में नहीं आया कि क्या करना चाहिए। मैने कोशिश करके किसी तरह नाव के किनारे वाले पाट को पकड़ा। मेरा पूरा शरीर पानी के अंदर था। केवल मेरी गर्दन ही ऊपर थी। तब किसी तरह से मुझे रेस्क्यू किया गया।

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