भारतीय ओलम्पिक संघ के अध्यक्ष पर संकट के बादल

मामला हॉकी इंडिया के कोष के 'दुरुपयोग' का
सीबीआई ने नरिंदर बत्रा के खिलाफ शुरू की प्राथमिक जांच
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीय ओलम्पिक संघ में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। इसके पदाधिकारी ही कोष को खाली कर रहे हैं तथा जांच को प्रभावित करने से भी बाज नहीं आते। ताजा मामला भारतीय ओलम्पिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर ध्रुव बत्रा से जुड़ा है। बत्रा पर आरोप है कि इन्होंने हॉकी इंडिया का अध्यक्ष रहते समय कोष को 35 लाख का चूना लगाया। जो भी हो सीबीआई ने इसकी प्राथमिक जांच शुरू कर दी है।
सेंट्रल इनवेस्टिगेशन ब्यूरो (सीबीआई) ने हॉकी इंडिया के कोष से 35 लाख रुपए के ‘दुरुपयोग’ के मामले में भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के खिलाफ प्राथमिक जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी को बत्रा के खिलाफ शिकायत मिली थी जिसके बाद उन्होंने प्राथमिक जांच शुरू की है। 
अधिकारियों ने बताया कि शिकायत में आरोप लगाया गया है कि हॉकी इंडिया के कोष से 35 लाख रुपए का इस्तेमाल बत्रा के निजी फायदे के लिए किया गया। हाल ही में बत्रा और हॉकी इंडिया के बीच मतभेद सामने आए थे जब उन्होंने खेल महासंघ को पत्र लिखकर टूर्नामेंटों में भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन पर सवाल उठाए थे। 
इसके बाद ओलम्पियन और 1975 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य असलम शेर खान ने हॉकी इंडिया के मामलों में बत्रा की रुचि पर सवाल उठाए थे। असलम ने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के प्रमुख बत्रा का हॉकी इंडिया के संचालन में हस्तक्षेप स्पष्ट रूप से ‘हितों के टकराव’ का मामला है। बत्रा को ‘आजीवन सदस्य’ बनाए जाने सहित हॉकी इंडिया में कुछ अनियमित नियुक्तियों के मामले को दिल्ली उच्च न्यायालय में असलम ने चुनौती दी थी। असलम ने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर यह बत्रा द्वारा हितों के टकराव का मामला है। वह एफआईएच अध्यक्ष हैं और उस पद पर रहते हुए वह राष्ट्रीय महासंघ के मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकते।’’ 
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बत्रा और हॉकी इंडिया के अन्य कर्मियों के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद उन्होंने मामला दर्ज कर लिया है। अधिकारी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के प्रमुख बत्रा को उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों पर जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। नरिंदर बत्रा 2014 से 2016 के बीच हॉकी इंडिया के प्रमुख थे।
भारतीय ओलम्पिक संघ के कोषाध्यक्ष आनंदेश्वर पांडेय पर भी भारतीय हैंडबाल संघ के खजाने को कूटरचित हस्ताक्षरों से खाली करने की शिकायतें हुई हैं। अब देखना यह है कि खेलों में अपने रसूख के लिए चर्चित इन खेल हुक्मरानों पर जांच की आंच आती भी है या फिर एक बार ये दूध के धुले होने का प्रमाण पा लेते हैं।

 

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