राहुल और आवेश के कमाल से लखनऊ ने किया हैदराबाद फतह

हैदराबाद की पुरानी कमजोरी उभरी, डेथ ओवरों में मैच गंवाया
मुम्बई।
आईपीएल 2022 में सनराइजर्स हैदराबाद को लगातार दूसरे मैच में हार का सामना करना पड़ा है। लखनऊ सुपर जाएंट्स ने हैदराबाद को 12 रन से हराया। यह लखनऊ की टीम का तीसरा मैच था और दो जीत के साथ यह टीम अंक तालिका में पांचवें स्थान पर आ चुकी है। 
हैदराबाद की टीम इस सीजन लगातार दूसरा मैच लक्ष्य का पीछा करते हुए हार चुकी है। इस हार के साथ ही हैदराबाद अंक तालिका में सबसे नीचे दसवें स्थान पर आ चुकी है। इस टीम के अलावा चेन्नई और मुंबई दो ऐसी टीमें हैं, जो अब तक कोई मैच नहीं जीती हैं। हैदराबाद के कप्तान केन विलियम्सन ने दोनों मैच में टॉस जीता और पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया, लेकिन दोनों मैच हार गए। वहीं इस सीजन टॉस जीतने और पहले गेंदबाजी करने वाली अधिकतर टीमें मैच जीती हैं। पहले मैच में राजस्थान ने हैदराबाद के सामने 200 से ज्यादा रन बना दिए थे, ऐसे में लक्ष्य का पीछा करना मुश्किल था, लेकिन दूसरे मैच में लखनऊ के सामने यह टीम 170 रन नहीं बना पाई। आइए जानतें है कि हैदराबाद यह मैच कैसे हार गई और मैच के टर्निंग प्वाइंट क्या रहे। 
मैच के टर्निंग प्वाइंट
1. लखनऊ के कप्तान केएल राहुल ने टॉस हारने के बाद एक छोर संभालकर बल्लेबाजी की। दूसरे छोर पर विकेट गिरते रहे पर राहुल पुराने अंदाज में दिखे और 68 रन की बेहतरीन पारी खेली। उन्होंने चौथे विकेट के लिए दीपक हुड्डा के साथ 87 रन की बेहतरीन साझेदारी की और दोनों ने बहुत सूझबूझ के साथ बल्लेबाजी की। तीन विकेट जल्दी गिरने के बावजूद दोनों ने रन रेट नहीं गिरने दिया और इसका फायदा टीम को मिला। 
2. अर्धशतक लगाने के बाद हुड्डा 16वें ओवर की पहली गेंद पर आउट हो गए थे। इसके बाद राहुल भी 19वें ओवर की पहली गेंद पर पवेलियन लौट गए। लखनऊ की टीम का स्कोर इस समय 144 रन था। इसे 170 तक ले जाने में आयुष बदोनी ने अहम योगदान दिया। उन्होंने 19 रन की छोटी, लेकिन अहम पारी खेली और अपनी टीम को अच्छे स्कोर तक पहुंचाया। 
3. हैदराबाद के सामने 170 रन का लक्ष्य था और मैच जीतने के लिए अच्छी शुरुआत की जरूरत थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कप्तान विलियम्सन 16 रन बनाकर आउट हो गए। 38 रन के अंदर दोनों ओपनर पवेलियन लौट गए और यह टीम पावरप्ले का फायदा नहीं उठा पाई। यहीं से हैदराबाद मैच में पिछड़ गई। 
4. हैदराबाद के लिए राहुल त्रिपाठी ने 44 रन की अहम पारी खेली, लेकिन कोई बल्लेबाज उनका साथ नहीं दे सका। अंत में वो भी बड़ा शॉट खेलकर आउट हो गए। उनके अलावा पूरन ने 34 और सुंदर ने 18 रन बनाए। 
5. हैदराबाद के लिए अंत में पूरन और सुंदर ने अच्छी बल्लेबाजी की थी और ऐसा लग रहा था कि ये दोनों अपनी टीम को मैच जिता सकते हैं, लेकिन आवेश खान ने 18वें ओवर में दो विकेट लेकर मैच पलट दिया। उन्होंने पहले पूरन और फिर अब्दुल समद को आउट किया। इस ओवर में उन्होंने सात रन खर्चे और मैच अपनी टीम के पक्ष में कर दिया। 
कैसा रहा दोनों कप्तानों का प्रदर्शन
भारत के युवा राहुल ने इस मैच में अनुभवी विलियम्सन की तुलना में बेहतरीन कप्तानी की। टीम चयन से लेकर फील्ड सेटिंग और गेंदबाजों को चलाने तक, हर मामले में राहुल विलियम्सन से बेहतर नजर आए। उन्होंने इस मैच में सिर्फ पांच गेंदबाजों का इस्तेमाल किया और सभी को सही तरीके से चलाया। राहुल ने दूसरा ओवर क्रुणाल पांड्या से कराया और अपने प्रमुख गेंदबाज आवेश का सही इस्तेमाल किया, जिसने मैच में चार विकेट निकाले।
टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए उन्हें बड़ा स्कोर बनाना था और उन्होंने जल्दीबाजी में शॉट खेलने की बजाय संभलकर बल्लेबाजी की। वहीं जब सुंदर बल्लेबाजी के लिए आए तो कवर की दिशा में भी फील्डर लगाया। आवेश को 20वें या 19वें ओवर के लिए रोकने की बजाय उनसे 18वां ओवर कराया और यहीं से मैच पलट गया। 
वहीं विलियम्स ने इस मैच में कई गलतियां की। उन्हें पता था कि उनकी बल्लेबाजी कमजोर है, इसके बावजूद उन्होंने लक्ष्य का पीछा करने का फैसला किया। बड़ा लक्ष्य मिलते ही पूरी टीम दबाव में आ गई और सभी बल्लेबाज एक-एक करके विकेट फेंकते चले गए। उन्होंने खुद समझदारी से बल्लेबाजी नहीं की और चौका लगाने के चक्कर में आउट हो गए। वहीं सुंदर ने शुरुआत में शानदार गेंदबाजी की थी। इसके बावजूद उन्होंने अपने दूसरे स्पिन गेंदबाज अब्दुल समद को सिर्फ एक ओवर दिया। वो उमरान मलिक का भी सही इस्तेमाल नहीं कर पाए और वो बहुत महंगे साबित हुए। 
हैदराबाद के लिए कैसा रहा मैच
सकारात्मक पक्ष: हैदराबाद ने पहले गेंदबाजी करते हुए अच्छी शुरुआत की। पावरप्ले में सुंदर ने दो अहम विकेट चटकाए। भुवनेश्वर कुमार भी लय में दिखे और कंजूसी से गेंदबाजी की। अंत में टी नटराजन का प्रदर्शन भी अच्छा रहा। वहीं बल्ले के साथ राहुल त्रिपाठी, सुंदर और पूरन ने अच्छी पारियां खेली। भले ही टीम मैच हारी हो, लेकिन पूरन ने लय में लौटने के संकेत दिए। आने वाले मैचों में वो सुंदर के साथ मिलकर कई मैच जिता सकते हैं। 
नकारात्मक पक्षः रोमारियो शेफर्ड और उमरान मलिक जैसे खिलाड़ी महंगे साबित हुए। अच्छी शुरुआत के बावजूद लखनऊ को 170 रन बनाने दिए। बीच के ओवरों में कोई गेंदबाज विकेट नहीं ले सका। वहीं बल्लेबाजी करते समय किसी खिलाड़ी ने क्रीज पर रुककर खेलने की कोशिश नहीं की। बाद में बल्लेबाजी करने के बावजूद टीम हार गई। पूरन और सुंदर ने अच्छी पारियां खेली, लेकिन मैच नहीं जिता सके। अब्दुल समद जैसे खिलाड़ी खाता तक नहीं खोल पाए।
लखनऊ के लिए कैसा रहा मैच
सकारात्मक पक्षः कप्तान राहुल लय में लौटे और हुड्डा के साथ बेहतरीन साझेदारी की। अंत में बदोनी ने एक बार फिर अच्छा खेल दिखाया। कमजोर शुरुआत से उबर कर टीम मैच जीती। आवेश खान और होल्डर ने मिलकर सात विकेट निकाले। ऑलराउंडर क्रुणाल पांड्या ने गेंद से प्रभावित किया। लक्ष्य का बचाव करते हुए टीम मैच जीतने में सफल रही। 
नकारात्मक पक्षः डिकॉक, लुईस और पांडे जैसे बल्लेबाज फ्लॉप रहे। हालांकि, डिकॉक और लुईस ने पिछला मैच जिताया था, लेकिन पांडे की फॉर्म चिंता का विषय है। वहीं टीम के प्रमुख स्पिन गेंदबाज रवि बिश्नोई कोई विकेट नहीं ले सके। डेथ ओवर के गेंदबाज एंड्यू टाय महंगे साबित हुए। उन्हें कोई विकेट भी नहीं मिला। आवेश खान के अलावा कोई दूसरा गेंदबाज प्रभावित नहीं कर पाया।   

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