पिछले एक साल में खेलों में बेटियों ने बढ़ाया देश का मान

खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
पिछले एक साल में भारतीय बेटियों ने खेल के क्षेत्र में नए-नए प्रतिमान स्थापित किए हैं। बात ओलम्पिक की हो या पैरालम्पिक की बेटियों ने अपने अदम्य कौशल से दुनिया में देश को गौरवान्वित करने में कोताही नहीं बरती। हाल ही महिला विश्व कप में भारतीय बेटियां पाकिस्तान को हराकर भारत की टी-20 विश्व कप की हार का बदला ले चुकी हैं। महिला टीम ने 107 रन से हराकर भारत का सर गर्व से ऊंचा कर दिया है। 
भारतीय टीम की इस जीत ने महिला दिवस को और खास बना दिया है। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब भारत की महिलाओं ने देश का मान बढ़ाया है। इससे पहले भी कई बार महिला खिलाड़ी देश का नाम रोशन कर चुकी हैं। यहां हम ऐसी ही महिला खिलाड़ियों के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने पिछले एक साल में देश को गौरवान्वित किया है।
पी.वी. सिंधु
सिंधु को 2021 स्विस ओपेन के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन टोक्यो ओलम्पिक में उन्हें एम्बेसडर चुना गया। किसी भारतीय खिलाड़ी को यह जिम्मेदारी मिलना बड़ी बात थी। इस ओलम्पिक में उन्होंने कांस्य पदक अपने नाम किया। वे दूसरी महिला खिलाड़ी बनीं, जिन्होंने दूसरी बार ओलम्पिक के सेमीफाइनल में जगह बनाई। सिंधु 2021 बीडब्ल्यूएफ विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में भी पहुंचीं और ऐसा करने वाली सिर्फ दूसरी महिला खिलाड़ी बनीं। इसके बाद सैयद मोदी इंटरनेशनल में भी उन्होंने जीत हासिल की। 
मीराबाई चानू
2020 टोक्यो ओलम्पिक में देश को पहला पदक दिलाने वाली मीराबाई चानू ने पिछले एक साल में कई बार देश का सिर गर्व से ऊंचा कर चुकी हैं। उन्होंने अप्रैल 2021 में एशियन वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया। इस दौरान उन्होंने 119 किलोग्राम वजन उठाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया। जून 2021 में वो पहली भारतीय महिला वेटलिफ्टर बनीं, जिन्होंने 2020 ओलम्पिक में जगह बनाई। टोक्यो ओलम्पिक में भी उन्होंने रजत पदक जीतकर भारत के लिए शानदार शुरुआत की।
लवलीना बोरगोहेन
लवलीना बोरगोहेन असम की तीसरी मुक्केबाज हैं, जिन्होंने ओलम्पिक में पदक जीता है। उन्होंने साल 2021 में ओलम्पिक में देश के लिए कमाल का प्रदर्शन किया। उनके बेहतरीन खेल की बदौलत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम ऊंचा हुआ। उन्होंने टोक्यो ओलम्पिक में कांस्य पदक अपने नाम किया। आने वाले समय में उनसे सभी को और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी। लवलीना मेरीकॉम के बाद बॉक्सिंग की दुनिया में भारत की नई उम्मीद बनकर उभरी हैं। 
निखत जरीन
25 साल की निखत जरीन अपने युवा करियर में कई बार देश का नाम ऊंचा कर चुकी हैं। आने वाले समय में उनसे देश को लगातार अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद होगी। इस साल उन्होंने सतरंजा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में यूक्रेन की टेटिना कॉब को हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उन्होंने यूक्रेन के खिलाड़ी को 4-1 से हराकर एकतरफा अंदाज में यह मैच जीता था। उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से देश का मान बढ़ाया है। 
सविता पूनिया
भारत की महिला हॉकी टीम की कप्तान सविता पूनिया भी कई मौकों पर देश का मान बढ़ा चुकी हैं। हाल ही में स्पेन के खिलाफ दो मैचों की सीरीज के लिए उन्हें भारतीय टीम की कप्तान बनाया गया था और आने वाले समय में भी उन्हें यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। सविता की टीम ने टोक्यो ओलम्पिक में ऐतिहासिक प्रदर्शन किया था, लेकिन पदक नहीं जीत पाई थी। हालांकि, महिला टीम ने अपने प्रदर्शन से देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया था। इसमें सविता का योगदान बहुत अहम था। 

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