कोहली से मोहाली को शतक की आस

विराट के सौवें टेस्ट को यादगार बनाने का जुनून
खेलपथ संवाद
चंडीगढ़।
भारत व श्रीलंका के मध्य टेस्ट सीरीज़ का पहला क्रिकेट टेस्ट 4 मार्च से मोहाली के पीसीए क्रिकेट स्टेडियम में शुरू हो गया। भारत के पूर्व कप्तान विराट कोहली का यह 100वां टेस्ट मैच है। मोहाली का मशहूर पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन का आईएस बिंद्रा स्टेडियम इस ऐतिहासिक पल का गवाह बन रहा है। 
वह 100 टेस्ट मैचों का आंकड़ा पार करने वाले भारत के सचिन तेंदुलकर (200 टेस्ट), राहुल द्रविड़ (163 टेस्ट), वी. लक्ष्मण (134 टेस्ट), अनिल कुंबले (132 टेस्ट), कपिल देव (131 टेस्ट), सुनील गावस्कर (125 टेस्ट), दिलीप वेंगसरकर (116 टेस्ट), सौरव गांगुली (113 टेस्ट), इशांत शर्मा (105 टेस्ट), हरभजन सिंह (103 टेस्ट) व वीरेंद्र सहवाग (103 टेस्ट) के बाद 12वें टेस्ट खिलाड़ी व विश्व में 100 से अधिक टेस्ट खेलने वाले 71वें खिलाड़ी बन जायेंगे। 
5 नवंबर, 1988 को दिल्ली में जन्मे स्टाइलिश बल्लेबाज विराट कोहली ने अपने टेस्ट करिअर की शुरुआत 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ किंग्स्टन जमैका में की थी, वे मोहाली टेस्ट से पहले तक 99 टेस्ट मैचों में 50.39 की शानदार औसत से 7962 रन बटोर चुके हैं, जिनमें उनके 27 शतक व 28 अर्धशतक भी शामिल हैं। 2019 में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध पुणे में अविजित 254 रनों का दोहर शतक उनका टेस्ट मैचों में सर्वाधिक स्कोर रहा है। वे अपने टेस्ट करिअर में 898 चौके जड़ चुके व 24 छक्के भी मार चुके हैं। अपने टेस्ट करिअर में कोहली 99 टेस्ट मैचों में एक फील्डर की हैसियत से 100 कैच भी लपक चुके हैं। 
भारत में कोहली ने 44 टेस्ट खेल कर 59.77 की औसत से 3766 रन बनाये हैं जिनमें उनके 13 शतक व 12 अर्धशतक भी शामिल हैं। 2019 में द. अफ्रीका के विरुद्ध पुणे में नाबाद 254 रन उनका भारत में सर्वाधिक स्कोर रहा है, वहीं विदेशों में कोहली ने 54 टेस्ट खेल कर 52.80 की औसत से 4139 रन बनाये हैं, जिनमें उनके 14 शतक व 16 अर्धशतक भी शामिल हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ 2016 में सर विव रिचड‍‍‍‍र्स स्टेडियम नार्थ साउंड में 200 रन कोहली का विदेशी धरती पर सर्वाधिक स्कोर रहा है।
इसके अलावा विराट ने न्यूट्रल मैदान पर भी एक टेस्ट खेला है, कोहली ने 2021 में आईसीसी विश्व चैंपियशनिप आफ क्रिकेट टेस्ट शृंखला के फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ साउथंपटन (इंगलैंड) में 57 रन बनाये थे। विराट ने एक कप्तान के रूप में 68 टेस्ट खेल कर 57.56 की औसत से 5864 रन बटोरे हैं, जिनमें उनके 20 शतक व 18 अर्धशतक भी शामिल हैं, नाबाद 254 रन उनका एक कप्तान के रूप में सर्वाधिक स्कोर रहा है। बिना कप्तानी के कोहली ने 31 टेस्ट खेल कर 50.99 की औसत से 2098 रन बनाये हैं, जिनमें उनके 7 शतक व 10 अर्धशतक भी शामिल हैं, 169 रन कोहली का बगैर टेस्ट कप्तानी में सर्वाधिक स्कोर रहा हैं। िवराट कोहली के कप्तानी के 68 टेस्ट मैचों में भारत ने 40 टेस्ट मैचों में जीत दर्ज की, 17 में भारत को हार मिली व 11 टेस्ट ड्रॉ रहे। 
कोहली अपने टेस्ट करिअर में किस तरह आउट हुए उसका रोचक ब्योरा इस प्रकार है-
 कोहली 99 टेस्ट मैचों की 168 पारियों में 10 बार नाट आउट रह कर, 158 पारियों में 76 बार फील्डर द्वारा कैच, 35 बार विकेट कीपर द्वारा कैच, 33 बार पगबाधा, 11 बार क्लीन बोल्ड, 2 बार रन आउट व एक बार हिट विकेट आउट हुए। 
भारत बनाम श्रीलंका रोचक आंकड़े
 दोनों देशों के बीच कुल 44 टेस्ट मैच खेले गए। इनमें से 20 भारत ने जीते, 7 श्रीलंका ने और 17 मैच ड्रा रहे। इसी तरह अगर सर्वाधिक स्कोर की बात करें तो श्रीलंका का स्कोर 952/6 रहा और यह मैच कोलंबो 1997 में खेला गया। इसी तरह भारत का स्कोर 726/9 है जो मुंबई में वर्ष 2009 में खेला गया। इसी तरह जहां तक बात है यूनतम स्कोर की तो श्रीलंका 82 पर आल आउट रहा और मैच हुआ चंडीगढ़ में वर्ष 1990 में। इसी तरह भारत 112 पर आल आउट रहा जो मैच गाले में वर्ष 2015 में। 
सर्वाधिक स्कोर :
अगर बात करें सर्वाधिक स्कोर की तो इसमें नाम आता है सचिन तेंदुलकर का। उनहोंने 25 टेस्ट खेलकर 1995 रन बनाए। इसका औसत 60.45 रहा। इनमें 9 शतक, 6 अर्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वाधिक स्कोर 203 रन का रहा। उनके बाद एम. जयावर्धने का नाम आता है। उन्होंने 18 टेस्ट में 1822 रन बनाए। इनका औसत 67.48 रहा। इनमें 6 शतक, 8 अर्धशतक शामिल हैं। सर्वाधिक स्कोर का 275 रन का रहा। अगर बात करें एक पारी में व्यक्तिगत सर्वाधिक स्कोर का तो इसमें एस. जयसूर्या का नाम आता है। उन्होंने 340 रन बनाए। इसमें 36 चौके, 2 छक्के शामिल है। यह मैच कोलंबो में 1997 में खेला गया। इसके बाद नाम आता है वीरेंद्र सहवाग का। उन्होंने 293 रन बनाए। इसमें 40 चौके, 7 छक्के शामिल है। यह मैच मुंबई में वर्ष 2009 में खेला गया। 
सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी :
पारी में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी में एम. मुरलीधरन का नाम सबसे ऊपर  है। उनका गेंदबाजी आंकड़ा 34.1-9-87-8 रहा। यह मैच कोलंबो में 2001 में खेला गया। इसके बाद नाम आता है मनिंदर सिंह का। उनका आंकड़ा 17.4-4-51-7 रहा। यह मैच नागपुर में वर्ष 1986 में खेला गया। इसी तरह पूरे टेस्ट में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी में भी एम. मुरलीधरन ही अव्वल रहे। 

 

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