प्रमाण पत्र नहीं होने के चलते रोकी गई टीमें

हस्तक्षेप के बाद हुईं अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए रवाना
कुश्ती, वेटलिफ्टिंग टीमें फंसी मुश्किल में
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियों के लिए अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में खेलने जा रही भारतीय टीमें टीकाकरण और टीका प्रमाण पत्र को लेकर मुश्किल में फंस रही हैं। बीते तीन से चार दिनों में दो टीमों के खिलाड़ियों को टीकाकरण और टीका प्रमाण पत्र नहीं होने के चलते न सिर्फ दिक्कतों को सामना करना पड़ा बल्कि कुछ को एयरपोर्ट पर रोका भी गया। 
साई के हस्तक्षेप पर ही टीमों की रवानगी तय हो पाई। अंतिम क्षणों में आई मुश्किलों से बचने के लिए साई ने सभी खेल संघों को साफ कर दिया है कि अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में खेलने जाने से पहले खिलाड़ी, कोच, सपोर्ट स्टाफ अपने पास वैध, वर्तमान और बार कोड वाला टीका प्रमाण पत्र जरूर रखें।
यासिर दोगु टूर्नामेंट के लिए बुधवार को तुर्की रवाना हुई महिला कुश्ती टीम की दो पहलवानों को टीके की सिर्फ एक ही डोज लगी थी, जिसके चलते उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट पर फ्लाइट पर चढ़ने से रोक दिया गया। कुश्ती संघ और साई के हस्तक्षेप के बाद दोनों को तुर्की जाने दिया गया। इससे पहले सिंगापुर जा रही वेटलिफ्टिंग टीम के कुछ लिफ्टरों के पास वर्तमान टीका प्रमाण पत्र नहीं होने के चलते उन्हें मुश्किलें उठानी पड़ीं। यहां भी साई के हस्तक्षेप पर टीम सिंगापुर गई। 
साई ने खेल संघों से कहा है कि बाहर जाने वाली टीमों के टीका प्रमाण पत्र को लेकर उसकी ओर से अंतिम क्षणों में हस्तक्षेप के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इन्हें रोकना जरूरी है, इसलिए खिलाड़ी अपने पास वैध टीका प्रमाण पत्र रखें। वर्तमान परिस्थितियों में ज्यादातर देशों ने अपने यहां प्रवेश के लिए टीका प्रमाण पत्र अनिवार्य कर रखा है। बीते माह अंडर-19 विश्व कप के लिए पोर्ट ऑफ स्पेन पहुंची भारतीय टीम के सात क्रिकेटरों का टीकाकरण नहीं होने पर पर उन्हें एयरपोर्ट पर ही रोक दिया गया था। बीसीसीआई के आईसीसी से बात करने के बाद कई घंटे बाद इन क्रिकेटरों को एयरपोर्ट से जाने दिया गया। बाद में इनका बोर्ड ने वहीं टीकाकरण कराया।

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