हरमनप्रीत को टीम से बाहर करने का समय

पूर्व कप्तान डायना एडुल्जी ने खराब फॉर्म को लेकर साधा निशाना
मुम्बई।
भारत की टी20 टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर लम्बे समय से खराब फॉर्म से जूझ रही हैं। जिसके बाद अब पूर्व भारतीय कप्तान डायना एडुल्जी का कहना है कि हरमनप्रीत कौर 2017 विश्व कप में अपनी 171 रनों की पारी के कारण टीम में नहीं रह सकतीं और न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे वनडे से उन्हें टीम से बाहर करने का समय आ गया है। 
वहीं एडुल्जी यह भी चाहती हैं कि क्वॉरेंटाइन पूरा करने के बाद अगले मैच में स्मृति मंधाना की संभावित वापसी पर शेफाली वर्मा को अगले मैच की प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया जाए। स्मृति मंधाना की अनुपस्थिति में मेघना प्रभावित हुईं, जबकि शेफाली ने पिछले साल पदार्पण के बाद से 50 ओवर के प्रारूप में संघर्ष किया है। हरमनप्रीत इंग्लैंड में आयोजित 2017 विश्व कप के बाद से केवल दो बार 50 रन का आंकड़ा पार करने में सफल रही हैं। 
32 वर्षीय हरमनप्रीत को पिछले साल फिटनेस की समस्या थी, लेकिन महिला बिग बैश लीग में अच्छे प्रदर्शन के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इसे दोहराने की उम्मीद थी। लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ द्विपक्षीय सीरीज में वह अब तक असफल रही हैं। भारत एक और सीरीज हारने के कगार पर है। पीटीआई से बात करते हुए, एडुल्जी ने कहा, “जेमिमा रोड्रिग्ज को छोड़ने के लिए जो मापदंड थे, जैसा कि कोच (रमेश पवार) ने बताया था। वही मानदंड हरमनप्रीत पर भी लागू होना चाहिए। मैं उससे बहुत निराश हूं। वह मेरी पसंदीदा खिलाड़ी थी लेकिन आप सिर्फ एक पारी (2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 171 रन) के दम पर टीम में नहीं रह सकते।”
उन्होंने आगे कहा कि, “वह बड़ा स्कोर करने के लिए सिर्फ एक पारी दूर है लेकिन प्रयास दिखाना चाहिए। कप्तानी के मामले में भी मिताली के बाद स्मृति सभी प्रारूपों में आगे हैं। क्योंकि हरमनप्रीत परफॉर्म नहीं कर रही हैं। मुझे उसे अगले मैच से बाहर करने में कोई दिक्कत नहीं है। स्नेहा राणा उनके लिए एक अच्छा विकल्प हैं।”
एडुल्जी ने शेफाली वर्मा के फॉर्म पर भी बात की और कहा, “शेफाली को अच्छी तरह से तैयार करने की जरूरत है। वह स्क्वायर लेग की ओर बढ़ रही है। उसके रुख में कोई स्थिरता नहीं है। पता नहीं क्यों कब वह रन बना रही थी, इस तरह की हरकत नहीं हो रही थी।
उन्होंने कहा, ‘गेंदबाजों ने उसे आउट करने का तरीका ढूंढ़ लिया है और इसलिए वह शॉट खेलने के लिए स्टम्प से दूर जा रही है। इस स्तर पर आपको गेंदबाजों का सम्मान करना होता है।” शेफाली वर्मा ने भी पिछले साल इंग्लैंड में पदार्पण के बाद से आठ मैचों में सिर्फ 25 का औसत ही निकाला है। अंत में उन्होंने भारतीय टीम की स्पिन गेंदबाजी के बारे में कहा कि, ”वर्षों से भारत की मजबूत टीम रहे स्पिनर भी मौजूदा सीरीज में टीम को सफलता दिलाने में नाकाम रहे हैं। भारत ने दूसरे वनडे में 270 रन बनाए लेकिन गेंदबाज स्कोर का बचाव करने में नाकाम रहे जो चिंता का विषय है।

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