बड़ी अजीब है गेंदबाज यश दयाल की कहानी

हाथ में बॉल और बैट लेकर सोता था 
प्रयागराज।
बेंगलुरु में चले आईपीएल मेगा आक्शन में बाएं हाथ के तेज गेंदबाज यश दयाल को गुजरात टाइटन्स ने 3.20 करोड़ में खरीदा है। उनकी 20 लाख बेस प्राइस बोली थी। अनकैप्ड क्रिकेटर यश के लिए आरसीबी, केकेआऱ और गुजरात ने बोली लगाई थी। यश प्रयागराज के रहने वाले हैं। 20 लाख के बेस प्राइस वाले यश दयाल को 3.20 करोड़ में गुजरात टाइटन्स ने खरीदा। यश दयाल उत्तर प्रदेश के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते हैं और बाएं हाथ के तेज गेंदबाज है।
यश ने उत्तर प्रदेश की ओर से खेलते हुए 142 किलोमीटर की रफ्तार से गेंद फेंककर सनसनी फैला दी थी। अब तक वो 12 प्रथम श्रेणी मैचों में 45 विकेट, लिस्ट ए क्रिकेट के 14 मैचों में 23 विकेट और 15 टी-20 मैचों में 15 विकेट ले चुके हैं। उनका जन्म प्रयागराज के करबला में 13 दिसंबर 1997 को हुआ था। पिता चंद्रपाल दयाल भी क्रिकेटर रहे हैं। यश ने महज 5 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। यश ने अपने पिता से ही क्रिकेट बारीकियां सीखी हैं। यश के चयन पर पिता व कोच चंद्र पाल दयाल की बातचीत...।
सवाल : क्रिकेट की ओर कैसे रुझान हुआ?
जवाब : 3-4 साल का होने के बाद से ही यश को क्रिकेट का धुन रहता था। जैसे-जैसे वह बड़ा हुआ, वह मुझे क्रिकेट खेलते मुझे देखता था। उसे क्रिकेट का ऐसा धुन रहता था, कि जब वह सोता तभी उसके हाथ से बॉल व बैट रहता था।
सवाल : आखिर बॉलर बनना क्यों पसंद किया?
जवाब : दरअसल, मैं भी फास्ट बॉलर था, वह मुझे बालिंग करते देखता था, तो हमेशा वह बॉलिंग करने की कोशिश करता था।
सवाल : यश का आइडियल कौन क्रिक्रेटर है?
जवाब : यश अपना आइडियल जहीर खान को मानते हैं, बचपन से ही जहीर खान की बॉलिंग की कापी करता था। ऐसी संयोग भी रहा कि 2 बार मुंबई इंडियंस ने ट्रायल के लिए बुलाया, वहां पर जहीर खान ने ही उनका ट्रायल लिया। जहीर खान से बड़ा प्रभावित रहा है।
सवाल : कब लगा कि वह अच्छा बॉलर हो सकता है?
जवाब : टैलेंट उसके अंदर बॉलिंग का रहा है। करीब 5 साल की उम्र में मैं जब 1 दिन नेट प्रैक्टिस कर रहा था। तो इसने वहां बॉलिंग की, मैं देखता रहा गया। दोस्तों ने कहा कि चंद्रपाल भाई ये तो पूरा फास्ट बॉलर का एक्शन कर रहा है। ये तो गॉड गिफ्टेड है। मैंने इसको करीब 9 साल की उम्र में अपने साथ टीम में खिलाना शुरू कर दिया था।
प्रश्न: क्या सरकारी जॉब का ऑफर भी आया था?
जवाब : अभी कुछ महीने पहले एजी आफिस में खेला कोटा के तहत ऑडिटर पद के लिए अवसर मिला था, पर मैंने उसे ज्वाइन नहीं कराया। मुझे इसकी क्षमता का अनुमान था और वह उम्मीद पर भी खरा उतरा है। उम्मीद है कि वह जल्द ही भारतीय क्रिकेट टीम में भी अपना स्थान पक्का करेगा।

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