टॉर्च रिले में गलवान घाटी संघर्ष के फौजी को शामिल किया

चीन उसे नेशनल हीरो बनाने की कोशिश कर रहा
बीजिंग।
चीन विंटर ओलम्पिक गेम्स 2022 के बहाने सियासत करने की कोशिश कर रहा है। यह खेल 4 से 20 फरवरी के बीच बीजिंग में होंगे। बुधवार को खेलों का टॉर्च रिले या कहें मशाल रैली निकाली गई। इसमें एथलीट्स के साथ एक सैनिक को शामिल किया गया। इसका नाम ‘की फाबाओ’ है। फाबाओ 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई हिंसक सैन्य झड़प में शामिल था। उस दौरान फाबाओ बेहद गंभीर रूप से जख्मी हुआ था। हालांकि, उसकी जान बच गई।
5 मई 2020 में हुए गलवान संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। अमेरिका समेत दुनिया के कई मीडिया हाउसेज ने बताया था कि गलवान घाटी में चीन के 40 सैनिक मारे गए थे। हालांकि, शी जिनपिंग सरकार ने कभी चीन की सेना यानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के मारे गए सैनिकों की सही तादाद नहीं बताई। यहां ये जान लेना भी जरूरी है कि अमेरिका समेत कई देशों ने विंटर ओलिंपिक्स 2022 का डिप्लोमैटिक बायकॉट कर चीन को मानवाधिकारों पर सख्त संदेश दिया है।
चीन के सरकारी अखबार ‘द ग्लोबल टाइम्स’ के मुताबिक, बुधवार को टॉर्च रिले शुरू हुआ। ये मशाल 4 फरवरी को बीजिंग के खेल गांव पहुंचेगी। इसमें आम लोग और एथलीट्स मशाल लेकर दौड़ रहे हैं। इन लोगों में PLA का एक सैनिक की फाबाओ भी शामिल है। भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में फाबाओ गंभीर तौर पर जख्मी हुआ था और उसे गलवान से एयरलिफ्ट किया गया था। चार बार शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग चैम्पियन रहीं वेंग मेंग ने फाबाओ को टॉर्च सौंपी। 4 फरवरी को ओलिंपिक पार्क पहुंचने से पहले यह टॉर्च तीन होस्ट जोन से गुजरेगी। बीजिंग के अलावा इसे यांगकिंग और झांगजिकाओ ले जाया जाएगा।
गलवान घाटी में मारे गए अपने सैनिकों की संख्या चीन ने कभी नहीं बताई। अमेरिकी इंटेलिजेंस ने सबसे पहले खुलासा किया था कि संघर्ष में चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे। जब यह रिपोर्ट्स पब्लिश हुईं तो चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में माना था कि उसे भी नुकसान हुआ है। हालांकि, फिर भी ये कभी साफ नहीं किया कि नुकसान का मतलब क्या है। लद्दाख में दोनों देशों के बीच अब भी तनाव बना हुआ है। 14 दौर की बातचीत के बाद भी कुछ अहम पॉइंट्स पर दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हैं।
पिछले साल अक्टूबर में चीन के एक ट्रैवल ब्लॉगर ली किजिआन ने गलवान पर चीन के झूठ की पोल खोल दी थी। किजियान ने चीन के कांगवाक्सी में मौजूद उन सैनिकों की कब्रों पर जाकर वीडियो बनाया था जो भारतीय सैनिकों के हाथों मारे गए थे। बाद में पिशान काउंटी की एक कोर्ट ने किजियान को शहीदों के अपमान का दोषी पाया और उसे 7 महीने की सजा सुनाई। वो फिलहाल जेल में है।
अमेरिका और कई पश्चिमी देशों ने खेलों का डिप्लोमैटिक बायकॉट किया है। इसका ऐलान 6 हफ्ते पहले ही कर दिया गया था। इसके बाद चीन और इन मुल्कों के बीच तल्खी बढ़ती गई। डिप्लोमैटिक बायकॉट करने वाले देशों ने चीन पर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया है। इसके हजारों सबूत दुनिया के पास मौजूद हैं।
हद तो तब हो गई जब पिछले महीने चीन ने खेलों में शिरकत करने वाले एथलीट्स को भी धमकियां दीं। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा- जो एथलीट्स विंटर ओलिंपिक्स के लिए आ रहे हैं, उन्हें सियासत से दूर रहना चाहिए। खेलों को खेल की तरह ही लिया जाना चाहिए। अगर किसी एथलीट्स ने चीन के कानून और नियमों को नजरअंदाज किया तो उसे सजा भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।

रिलेटेड पोस्ट्स