ऋषभ के खराब शॉट सिलेक्शन पर हम उनसे बात करेंगेः द्रविड़

पंत हर बार ऐसे नहीं खेल सकते
जोहान्सबर्ग।
जोहान्सबर्ग टेस्ट में टीम इंडिया को करारी हार का सामना करना पड़ा। मैच की दोनों पारियों में भारतीय विकेटकीपर ऋषभ पंत फेल साबित हुए। दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरे पंत तब आउट हुए जब टीम को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। भारत का स्कोर 163/4 था। पुजारा और रहाणे आउट हो चुके थे, तब भारत को एक साझेदारी बनानी थी। पंत ने ऐसे में कगिसो रबाडा की गेंद पर आगे बढ़कर शॉट खेलना चाहा, लेकिन वह गेंद को सही टाइम नहीं कर सके और विकेटकीपर को कैच थमा बैठे। वो अपना खाता भी नहीं खोल पाए थे।
मैच के बाद टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड़ ने पंत को लेकर बड़ा बयान दिया है। राहुल द्रविड़ ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'हम जानते हैं कि पंत एक कमाल का बल्लेबाज है और वह सकारात्मक खेलता है। वह एक खास तरीके से बल्लेबाजी करता है और हाल के दिनों में इस तरह से बल्लेबाजी कर उसे सफलता भी मिली है, लेकिन हर बार आप वैसे नहीं खेल सकते। निश्चित रूप से हम उनसे इस बारे में बात करेंगे। उस शॉट को खेलने के समय और मैच की परिस्थिति को लेकर हम उनसे चर्चा करेंगे ये तय है।'
द्रविड़ ने आगे कहा, 'कोई भी पंत को यह कहने नहीं जा रहा कि वो अपना गेम बदल दें, लेकिन कभी-कभी ऐसा करने के लिए समय भी देखना पड़ता है। मेरा मानना है कि जब आप मैदान पर नए-नए आए हैं तो थोड़ा वक्त बिताना ज्यादा सही होता है। वह एक सकारात्मक खिलाड़ी हैं। वह ऐसा बल्लेबाज है जो हमारे लिए बहुत जल्दी मैच का पासा पलट सकता है। आप उनसे उनका नेचुरल गेम छोड़कर बिल्कुल अलग तरह से खेलने के लिए नहीं कह सकते। बस कई बार आपको एक बल्लेबाज के तौर पर यह समझना जरूरी होता है कि आपको कब विपक्षी टीम पर आक्रामक होना है।'
संजय मांजरेकर ने किया पंत का बचाव
टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज संजय मांजरेकर पंत के बचाव में आए हैं। उन्होंने कहा कि पंत ने इतने छोटे करियर में दो कमाल की टेस्ट पारियां खेली हैं। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई उनकी पारी कौन भूल सकता है। वो अपनी पारी के शुरुआत में ऐसे शॉट खेलते हैं। उनके खेलने का तरीका ही यही है। वो जल्दबाजी या लापरवाही नहीं कर रहे हैं।
गंभीर ने भी पंत को सुनाई थी खरी-खरी
गंभीर ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरी पारी में पंत के आउट होने के बाद कहा था, 'पुजारा और रहाणे अच्छी साझेदारी कर भारत को मैच में वापस ले आए थे। अगर पंत 20-25 रन भी बनाते तो भारत मजबूत स्थिति में होता। बहादुरी और बेवकूफी में बहुत कम अंतर होता है और पंत ने बेवकूफी की है। आपको इस तरह के दबाव से निपटना आना चाहिए। पंत को टेस्ट क्रिकेट खेलते हुए काफी समय हो चुका है और साफ है कि वो इस टेस्ट में दबाव से नहीं निपट पाए।' पंत ने वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल के बाद 20 से भी कम औसत से रन बनाए हैं।

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