मां चाहती हैं कि घर आकर आराम करूं

कांस्य पदक जीतने के बाद लक्ष्य सेन ने बताया
बीडब्लूएफ विश्व चैम्पियनशिप में कांसा जीतने वाले तीसरे भारतीय
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने बीडब्लूएफ विश्व चैम्पियनशिप में अपना पहला पदक जीतने के बाद बताया कि अब उनकी मां चाहती हैं कि वो घर आकर आराम करें। लक्ष्य की मां के अनुसार उन्होंने लगातार कई टूर्नामेंट खेले हैं और अब उन्हें आराम करना चाहिए। इस टूर्नामेंट में लक्ष्य ने कांस्य पदक अपने नाम किया है। वो बीडब्लूएफ विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाले सबसे युवा भारतीय खिलाड़ी हैं। 
किदांबी श्रीकांत के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में 20 साल के लक्ष्य को हार का सामना करना पड़ा। श्रीकांत पहले पुरुष भारतीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने बीडब्लूएफ विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह बनाई है। सेमीफाइनल मैच में लक्ष्य को 17-21, 21-41, 21-17 से हार का सामना करना पड़ा। इन दोनों खिलाड़ियों के बीच एक घंटे और नौ मिनट तक कड़ी टक्कर हुई। लक्ष्य पहली बार बीडब्लूएफ विश्व चैम्पियनशिप में खेल रहे थे। यहां उन्होंने दुनिया के 17वीं रैंकिंग के खिलाड़ी केविन कॉर्डन को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। 
लक्ष्य ने बताया कि उनकी मां को इस उपलब्धि पर गर्व है, लेकिन वो चाहती हैं कि अब लक्ष्य घर आकर आराम करे। लक्ष्य ने हाल ही में कई टूर्नामेंट खेले हैं और उनकी मां इसे लेकर चिंतित हैं। इसीलिए वो चाहती हैं कि अब लक्ष्य घर आकर आराम करें। लक्ष्य ने आगे कहा "मैं अब एक छोटा ब्रेक लेना चाहता हूं और उसके बाद ट्रेनिंग में जाना चाहता हूं।"
लक्ष्य सेन तीसरे भारतीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने बीडब्लूएफ विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता है। उनसे पहले प्रकाश पादुकोण ने 1983 और साई प्रणीत ने 2019 में यह कारनामा किया था। सेमीफाइनल मैच के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि श्रीकांत कोर्ट में उनसे ज्यादा फिट नजर आए और उनके स्ट्रोक्स भी काफी बेहतर थे। उन्होंने यह भी बताया कि तीसरे गेम में उन्होंने नेट से कई खराब शॉट खेले। इसी वजह से श्रीकांत को वापसी का मौका मिला। अंत में दोनों खिलाड़ी थके हुए थे, लेकिन उन्होंने बेहतर खेल दिखाया और मैच अपने नाम किया। फाइनल मैच में श्रीकांत लोह कीन येव से हार गए।

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