विदेशी पिचों पर खतरनाक हो जाते हैं अजिंक्य रहाणे

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जमकर चला है बल्ला
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
टेस्ट टीम में टीम इंडिया के उप कप्तान अजिंक्य रहाणे का प्रदर्शन पिछले एक साल से कुछ खास नहीं रहा है। उन्होंने 2021 में 12 टेस्ट मैच खेले हैं। इस दौरान उनका औसत सिर्फ 19.75 का रहा है। उनके बल्ले से एक भी शतक नहीं निकला है। वहीं, उन्होंने सिर्फ 411 रन बनाए हैं। ऐसे में क्या रहाणे को साउथ अफ्रीका दौरे पर टीम इंडिया का हिस्सा होना चाहिए? आइए हम आपको बताते हैं।
रहाणे ने साउथ अफ्रीका में 3 टेस्ट मैच खेले हैं। इस दौरान इस खिलाड़ी के बल्ले से 266 रन निकले हैं। उनका औसत 53.20 का है। 3 टेस्ट में इस खिलाड़ी ने दो अर्धशतक जड़े हैं। उनका सर्वाधिक स्कोर 96 रन है। अगर ओवरऑल साउथ अफ्रीका के खिलाफ रहाणे का प्रदर्शन देखें तो वो भी कमाल का है। रहाणे ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 10 टेस्ट मैच में 57.33 के औसत से 748 रन बनाए हैं। इन मैचों में रहाणे के बल्ले से 3 शतक और 3 अर्धशतक निकले हैं।
अजिंक्य रहाणे ने भारतीय सरजमीं पर 32 टेस्ट मैच खेले हैं। इस दौरान उन्होंने 35.73 के औसत से 1644 रन बनाए हैं। वहीं, अगर विदेशी पिचों पर इस खिलाड़ी का रिकॉर्ड देखें तो ये कमाल के हैं। रहाणे ने भारत से बाहर खेले 46 टेस्ट मैच में 41.71 के औसत से 3087 रन बनाए हैं। रहाणे के बल्ले से भारत में सिर्फ 4 शतक निकले हैं। वहीं, विदेशी पिचों पर अजिंक्य ने 8 शतक जड़े हैं। भारत में घरेलू मैदानों और पिचों से खिलाड़ी अच्छी तरह वाकिफ होते हैं, लेकिन विदेश की अलग-अलग पिचों पर खिलाड़ियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। खिलाड़ियों को स्विंग, गति और उछाल के लिए तैयार रहना पड़ता है। अलग-अलग परिस्थितियों के हिसाब से खुद को ढालना भी पड़ता है।
रहाणे इन पिचों पर ज्यादा डिफेंड करने के बजाय गेंदबाजों पर हावी रहने पर जोर देते हैं। यही कारण है कि इस खिलाड़ी के बल्ले से रन निकलते हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ मुंबई टेस्ट में जीत के बाद विराट कोहली ने अजिंक्य रहाणे का समर्थन किया है। कोहली ने कहा, 'हम उन लोगों में से नही हैं जो दो महीने पहले गुणगान करते हुए कहेंगे कोई अच्छा कर रहा है और फिर अचानक कहेंगे इन्हें टीम से निकाल दो। रहाणे ने हमारी टीम के लिए अहम मुकाबलों में कमाल का प्रदर्शन किया है और उनको सबका समर्थन मिलना चाहिए।'

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