कोरोना के कारण प्रायोजक ढूंढ़ने को करना पड़ा संघर्षः दीपा मलिक

पैरालम्पिक में रिकॉर्ड 19 पदक जीते भारतीय जांबाजों ने
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीय खिलाड़ियों ने इस साल टोक्यो में आयोजित पैरालम्पिक खेलों में ऐतिहासिक और यादगार प्रदर्शन किया। भारतीय एथलीट्स ने यहां रिकॉर्ड 19 पदक अपने नाम किए जो उसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। हालांकि खिलाड़ियों को यहां तक का सफर तय करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा।
भारतीय पैरालम्पिक समिति (पीसीआई) की अध्यक्ष दीपा मलिक ने बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण इस साल के टोक्यो पैरालम्पिक खेलों 2020 से पहले भारतीय टीम के लिए प्रायोजक ढूंढ़ने के लिए समिति को संघर्ष करना पड़ा था। 
अर्जुन पुरस्कार विजेता इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि यह पीसीआई की सोच में आए बदलाव का ही नतीजा है कि दीपा मलिक जैसी खिलाड़ी पैरालम्पिक समिति की अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा, ‘आज हम जिस चीज का जश्न मना रहे हैं, वह टोक्यो पैरालम्पिक 2020 के नायक हैं, उनकी तारीफ की जानी चाहिए, पीसीआई की तारीफ होनी चाहिए। पीसीआई ने खिलाड़ियों के विकास को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम बनाया। अगर उनका ध्यान खिलाड़ियों पर नहीं होता तो दीपा मलिक कभी अध्यक्ष बनने के लिए नामांकित नहीं होतीं।’
पद्मश्री पुरस्कार से नवाजी जा चुकीं दीपा मलिक ने एक सम्मान समारोह में कहा कि पीसीआई यह सुनिश्चित करना चाहता है कि खिलाड़ी को किसी भी चीज की कमी न हो, चाहे प्रायोजन हो या पैसा।’ उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 महामारी के कारण हम (पीसीआई) संघर्ष कर रहे थे, हमें वैसा प्रायोजन नहीं मिल पा रहा था जैसा हम चाहते थे।'

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