भारतीय बल्लेबाज फ्लॉप, आस्ट्रेलियाई टीम चार विकेट से जीती
गोल्ड कोस्ट। भारतीय गेंदबाजों ने कम स्कोर का बचाव करने के लिये अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया लेकिन तलहिया मैकग्रा की नाबाद 42 रन की पारी से आस्ट्रेलिया ने दूसरे महिला टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में चार विकेट की जीत के साथ कई प्रारूपों की श्रृंखला भी 9-5 से कब्जा ली।
भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए नौ विकेट पर सिर्फ 118 रन का स्कोर बनाया जिसमें पूजा वस्त्राकर की 26 गेंद में 37 रन की पारी की अहम भूमिका रही। इस लक्ष्य को आस्ट्रेलिया ने 19.1 ओवर में हासिल कर लिया जिसमें मैकग्रा ने 33 गेंद में नाबाद 42 रन बनाये जिन्होंने 18वें ओवर में शिखा पांडे पर 14 रन बनाये जो ‘मैच का रूख बदलने वाला’ ओवर साबित हुआ। साथ ही भारत को रेणुका सिंह के कम अनुभव का भी नुकसान भुगतना पड़ा क्योंकि उनके 19वें ओवर में 13 रन जुड़े जिससे अपना दूसरा टी20 अंतरराष्ट्रीय खेल रही मैकग्रा ने मेजबानों को जीत दिलायी।
भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने मैच के बाद कहा, ‘‘हमारा स्कोर इस पिच पर 20 रन कम रह गया। ‘’ शिखा पांडे (चार ओवर में 27 रन देकर एक विकेट) ने एलिसा हीली (04) को बोल्ड कर आस्ट्रेलिया को पहला झटका दिया। इसके बाद राजेश्वरी गायकवाड़ (चार ओवर में 21 रन देकर तीन विकेट) ने मेग लैनिंग (15) को आउट किया। एशले गार्डनर (01) हरमनप्रीत की गेंद पर गायकवाड़ के हाथों कैच आउट हुईं। दीप्ति शर्मा ने फिर खतरनाक दिख रही एलिस पैरी (01) का विकेट झटका जो कवर में हरमनप्रीत के हाथों कैच देकर पवेलियन पहुंची।
इस तरह तब आस्ट्रेलियाई टीम का स्कोर चार विकेट पर 46 रन था। बेथ मूनी (36 गेंद में 34 रन) अपनी पारी के दौरान सतर्क दिखीं और मैकग्रा ने फिर गेंदबाजों की धुनाई शुरू की। भारतीय टीम का क्षेत्ररक्षण भी काफी खराब रहा। गायकवाड़ ने मूनी के बाद निकोला कैरी को भी स्टंप आउट कराया। भारत ने इस तरह 94 रन तक छह विकेट झटक लिये थे और उसे वापसी की उम्मीद थी। पर पांडे और रेणुका कसी गेंदबाजी नहीं कर सकीं और मैकग्रा को अपनी टीम को जीत तक पहुंचाने से नहीं रोक सकीं। इससे पहले पूजा वस्त्राकर के आखिरी ओवरों में नाबाद 37 रन की मदद से भारतीय टीम नौ विकेट पर 118 रन का सम्मानजनक स्कोर बनाने में सफल रही। भारतीय टेस्ट कप्तान मिताली राज आलराउंडर वस्त्राकर को प्यार से ‘छोटा हार्दिक’ कहती हैं। वस्त्राकर ने अंत में तीन चौके और दो छक्के जड़कर टीम के लिये यह स्कोर सुनिश्चित किया, वर्ना भारत को बल्लेबाजों के लिये सहायक पिच पर कम स्कोर बनाने के लिये शर्मसार होना पड़ता।