ओलम्पिक के बाद से बंद है खिलाड़ियों का जेब खर्च

खेल संघों के साथ मंत्रणा शुरू 
नई दिल्ली।
एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों को एक साल से भी कम समय बचा है, लेकिन इन खेलों की तैयारियों के लिए जिम्मेदार टारगेट ओलम्पिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) का गठन अब तक नहीं हुआ है।
ओलम्पिक के बाद से खिलाड़ियों की तैयारियों और टॉप्स के गठन के लिए जिम्मेदार मिशन ओलम्पिक सेल (एमओसी) की एक भी बैठक नहीं हुई है। टोक्यो ओलम्पिक तक टॉप्स में 220 और टॉप्स डेवलपमेंटल ग्रुप में 254 खिलाड़ी शामिल थे। डेवलपमेंटल ग्रुप में शामिल खिलाड़ियों को 25 हजार रुपये प्रतिमाह जेब खर्च दिया जाता है। 
अगले वर्ष 10 से 25 सितम्बर तक हांगझाऊ (चीन) में होने वाले एशियाई खेलों में देश को काफी पदकों की उम्मीद है। इन खेलों की तैयारियों का खाका अब तक नहीं खींचा जा सका है। इन खेलों से पहले जुलाई में बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेल भी होने हैं। टॉप्स के तहत खिलाड़ियों का चयन नहीं होने से पदक के दावेदार अब तक इन खेलों की तैयारियों की रूपरेखा तैयार नहीं कर सके हैं। अमूमन ओलम्पिक के कुछ समय बाद ही टॉप्स का गठन कर लिया जाता है। लेकिन टॉप्स सीईओ राजेश राजगोपालन के त्यागपत्र के बाद उनकी जगह अब तक किसी का चयन नहीं हो सका है। हालांकि टॉप्स में नए खिलाड़ियों को शामिल करने के लिए साई ने खेल संघों के साथ बैठकों का दौर शुरू कर दिया है। डेवलपमेंटल ग्रुप के तहत खिलाड़ियों की मदद की जा रही है।

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