मुंबई की महिला पहली बार शूटर ट्रायल में पाई गई डोप पॉजिटिव

राष्ट्रीय ट्रायल के दौरान लिया गया था सैम्पल
नई दिल्ली।
ट्रैप महिला शूटर के सैम्पल में बीटा ब्लाकर प्रोपेनोलॉन पाया गया है। हालांकि यह दवा वाडा की सूची में स्पेसिफाइड सब्सटेंस की श्रेणी में आती है, जिसके चलते शूटर पर अस्थाई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। नाडा की ओर से 2009 में डोप टेस्टिंग शुरू किए जाने के बाद से शूटिंग में यह डोपिंग का सातवां मामला है।
देश में पहली बार शॉटगन शूटिंग में डोपिंग का मामला सामने आया है। नाडा की टेस्टिंग में बीते माह मुंबई की ट्रैप और डबल ट्रैप महिला शूटर डोप पॉजिटिव पाई गई हैं। महिला शूटर के सैम्पल में बीटा ब्लाकर प्रोपेनोलॉन पाया गया है। हालांकि यह दवा वाडा की सूची में स्पेसिफाइड सब्सटेंस की श्रेणी में आती है, जिसके चलते शूटर पर अस्थाई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
नाडा की ओर से 2009 में डोप टेस्टिंग शुरू किए जाने के बाद से शूटिंग में यह डोपिंग का सातवां मामला है। अब तक छह केस राइफल और पिस्टल शूटिंग में सामने आए थे, लेकिन शॉटगन (ट्रैप, डबल ट्रैप, स्कीट) में अब तक कोई मामला सामने नहीं आया था। खास बात यह है कि शूटिंग के पिछले चार मामलों में प्रोपेनोलॉन पाया गया है। इनमें से तीन शूटरों पर दो साल का प्रतिबंध लगाया गया है। 
नाडा की टीम ने बीते माह एनआरएआई की ओर से आयोजित ट्रायल में मुंबई की रमशा किटेकर नाम की शूटर का सैम्पल लिया था। सूत्रों के मुताबिक  शूटर ने थेराप्यूटिक यूज एक्जंप्शन (टीयूई) के लिए भी आवेदन नहीं किया था। वरना वह डोपिंग के आरोपों से बच सकती थी। शूटिंग में सिर्फ कंपटीशन दौरान ही बीटा ब्लाकर सेवन प्रतिबंधित है। राष्ट्रीय ट्रायल को कंपटीशन माना गया है जिसके चलते नाडा ने शूटर को नोटिस भेजा है।

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