विकेटकीपर से ऑलराउंडर बने अय्यर

मिडिल ऑर्डर में खेलते थे 
ओपनिंग शुरू की तो बदल गई करियर की दिशा
वेंकटेश अय्यर के कोच का साक्षात्कार
इंदौर।
केकेआर के ओपनर वेंकटेश अय्यर ने गुरुवार को अपने दूसरे मैच में ही आईपीएल की पहली हाफ सेंचुरी महज 25 गेंदों में लगाई। उन्होंने 30 गेंदों में 53 रनों की आतिशी पारी खेली। इस दौरान अय्यर ने 4 चौके और 3 छक्के लगाए। अय्यर के प्रदर्शन पर हमने उनकी एकेडमी के कोच दिनेश शर्मा से बात की। शर्मा कहते हैं कि वेंकटेश ने अपना करियर विकेटकीपर के रूप में शुरू किया था। बाद में ऑलराउंडर बन गए।
शर्मा कहते हैं कि जब वेंकटेश मेरे पास आए थे, तब वह कीपिंग भी करते थे, पर इनकी हाइट ज्यादा होने की वजह से कीपिंग में दिक्कत होती थी। वो धीरे-धीरे नेट्स पर भी बॉल करने लगे और बाद में वह टीम की जरूरत के हिसाब से गेंदबाजी करने लगे। 
दिनेश शर्मा ने बताया कि गेंदबाजी की वजह से उन्हें टीम में पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए भेजा जाता था। "मध्यप्रदेश से अंडर-23 और रणजी में भी उन्हें पहले पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा जाता था, पर इंदौर में होने वाले जोन टूर्नामेंट में मैंने उनसे ओपनिंग कराई वहीं, से बतौर ओपनर उन्होंने अपनी जगह बनाई। बाद में मध्यप्रदेश टीम के कोच चंद्रकांत पंडित ने भी उन्हें टीम में ओपनर के तौर पर भेजा, उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और टीम के ओपनर बन गए।"
शर्मा ने बताया कि मुंबई इंडियंस के खिलाफ मैच से पहले भी उनसे बातचीत हुई थी। "मैंने उनसे कहा था कि अब मत देखना की मुंबई इंडियंस की ओर से जसप्रीत बुमराह गेंदबाजी कर रहे हैं, आप केवल हर गेंद के हिसाब से खेलना। अय्यर ने यही किया और शानदार पारी खेली। हालांकि, वह मैच फिनिश करता तो ज्यादा अच्छा होता।"
शर्मा ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में KKR मैनेजमेंट अय्यर से बॉलिंग भी कराएगी। अब उनका कॉन्फिडेंस काफी ज्यादा बढ़ गया है और वह प्रेशर को भी मेंटेन कर रहे हैं, ऐसे में मुझे भरोसा है कि गेंदबाजी में उनका इस्तेमाल किया जाएगा।" अय्यर को साउथ इंडियन फूड भी काफी पसंद हैं। कोच ने बताया कि अय्यर हमेशा एकेडमी में ट्रेनिंग के दौरान साउथ इंडियन फूड लेकर आते थे। खासतौर से मां के हाथों से बनाए गए साउथ इंडियन ट्रेडिशनल लड्‌डू उन्हें काफी पसंद हैं।

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