हाईकोर्ट ने केंद्र से चार हफ्ते में मांगी रिपोर्ट

मामला मनिका बत्रा की शिकायत पर जांच का
खेलपथ संवाद
नयी दिल्ली।
दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय टेबल टेनिस महासंघ (टीटीएफआई) के आगामी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में चयन के लिये राष्ट्रीय अभ्यास शिविर में अनिवार्य उपस्थिति के फैसले पर बृहस्पतिवार को रोक लगा दी और केंद्र से इस खेल संस्था के खिलाफ मनिका बत्रा की शिकायत पर जांच करने करने को कहा। 
अदालत ने स्पष्ट किया कि इस स्तर पर मुद्दों को देखने के लिए वह किसी समिति की नियुक्ति नहीं कर रही है और निर्देश दिया कि केंद्र की जांच रिपोर्ट चार सप्ताह में उसके सामने रखी जानी चाहिए। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने आगे कहा कि यदि जरूरी हुआ तो केंद्रीय खेल मंत्रालय टीटीएफआई के कार्यों की भी जांच कर सकता है। न्यायमूर्ति पल्ली शीर्ष टेबल टेनिस खिलाड़ी बत्रा की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थीं। 
बत्रा को आगामी एशियाई टेबल टेनिस चैम्पियनशिप के लिए भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय कोच सौम्यदीप राय ने ओलम्पिक क्वालीफायर के दौरान एक मैच गंवाने के लिये उन पर दबाव बनाया था। न्यायाधीश ने कहा कि राष्ट्रीय शिविर में उपस्थिति को अनिवार्य करने वाला नियम 'ऐसे समय पर लागू किया गया जबकि राष्ट्रीय कोच के खिलाफ शिकायत लम्बित थी' और उसी कारण विश्वास पैदा नहीं होता है। 
आरोपों की जांच के लिए महासंघ द्वारा गठित समिति को इस मुद्दे पर केंद्र का रुख जानने के बाद जिस तरह से पुनर्गठित किया गया उस पर भी अदालत ने नाराजगी व्यक्त की। न्यायाधीश ने कहा, ‘वे अदालत से आगे निकल रहे हैं। अवमानना का नोटिस जारी करूंगी। मैं एक आदेश पारित करती हूं और आप एक नये व्यक्ति को नियुक्त करते हैं। यह चौंकाने वाला है... मैं अपनी नाराजगी व्यक्त कर रही हूं।

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