स्वप्ना बर्मन ने संन्यास लेने का मन बनाया

कहा- मैं मानसिक रूप से परेशान हूं
लोग मेरी उपलब्धियों से ईर्ष्या करते हैं
खेलपथ संवाद
वारंगल।
एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता एथलीट स्वप्ना बर्मन ने संन्यास लेने की बात कही है। उन्होंने कहा कि वह इसकी औपचारिक घोषणा कुछ दिनों में करेंगी। दरअसल, वारंगल में चल रही 60वीं राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप प्रतियोगिता में ऊंची कूद में स्वर्ण पदक जीतने के 24 घंटे के अंदर स्वप्ना ने यह फैसला किया है। बता दें कि चैम्पियनशिप में स्वप्ना उत्तर पूर्व फ्रंटियर रेलवे का प्रतिनिधित्व कर रही थीं। बता दें कि स्वप्ना पीठ की चोट के कारण अवसाद से जूझ रही हैं।
स्वप्ना ने कहा, 'मेरा शरीर अब और सहन नहीं कर पा रहा है। मैं मानसिक रूप से बहुत परेशान हूं और यह आसान नहीं है।' उन्होंने कहा, 'मैं थोड़ी भ्रमित हूं, लेकिन मैंने मानसिक रूप से 80-90 प्रतिशत इसे छोड़ने का मन बना लिया है। मैं कोलकाता पहुंचने के बाद बड़ी घोषणा करूंगी। उन्होंने कहा, 'मैं यहां किसी स्पर्धा में भाग नहीं लेना चाहती थी, लेकिन रेलवे की प्रतिबद्धताओं के कारण मुझे यहां भाग लेना पड़ा।'
कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण स्वप्ना 2020 में किसी भी प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सकती थीं और 2021 में उसने टोक्यो खेलों का क्वालीफाइंग स्तर हासिल करने का लक्ष्य रखा था लेकिन फिर से चोट लगने और वायरस की दूसरी लहर ने उनकी सभी योजनाओं पर पानी फेर दिया। स्वप्ना ने कहा, 'लोग मेरी उपलब्धियों से ईर्ष्या करते हैं और मेरी मां को बहुत उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। मैं इसे और नहीं सह सकती। मुझे अपने परिवार के साथ रहना होगा और इससे निपटना होगा।'
बता दें कि स्वप्ना ने इस साल सिर्फ फेडरेशन कप और मौजूदा राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भाग लिया है। मालूम हो कि स्वप्ना ने जकार्ता 2018 में एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक जीता था। वह यह कमाल करने वाली पहली भारतीय हेप्टाथलीट बनी थीं इसके बाद, स्वप्ना चोटों से जूझती रहीं। वहीं, 2019 में दोहा में एशियाई चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था। 

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