भाला फेंक के मुख्य कोच उवे हॉन हटाए गए

एएफआई ने कहा- प्रदर्शन से खुश नहीं थे
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
टोक्यो ओलम्पिक 2020 खत्म हो चुका है। भारत के लिहाज से इस बार का ओलम्पिक बेहद खास रहा। भारतीय खिलाड़ियों ने इस बार रिकॉर्ड सात पदक जीते जिसमें आखिरी दिन नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक में गोल्ड जीतकर इतिहास रच दिया। नीरज की सफलता के पीछे उनके कोच उवे हॉन का बड़ा योगदान था। हालांकि ओलम्पिक की समाप्ति के बाद भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने नीरज के कोच उवे हॉन से नाता तोड़ लिया है। 
एएफआई ने सोमवार को घोषणा की कि उसने भाला फेंक के राष्ट्रीय कोच उवे हॉन से नाता तोड़ लिया है। एएफआई ने बताया कि वह कोच के प्रदर्शन से खुश नहीं था और अब जल्द ही दो नए विदेशी कोच नियुक्त करेगा। बता दें कि पूर्व विश्व रिकार्ड धारक 59 वर्षीय जर्मन हॉन का अनुबंध टोक्यो ओलम्पिक तक ही था। एएफआई अध्यक्ष आदिल सुमरिवाला ने कहा, ‘हम दो नए कोच की नियुक्ति करने जा रहे हैं तथा हम उवे हॉन को बदल रहे हैं क्योंकि हम उनके प्रदर्शन से खुश नहीं हैं। हम तूर (गोला फेंक के एथलीट ताजिंदरपाल सिंह तूर) के लिए भी विदेशी कोच देख रहे हैं।’
सुमरिवाला महासंघ की कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। इस बैठक में एएफआई की योजना समिति के अध्यक्ष ललित भनोट और उपाध्यक्ष अंजू बॉबी जार्ज ने भी हिस्सा लिया। बता दें कि हॉन को ओलम्पिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा और टोक्यो ओलम्पिक में भाग लेने वाले दो अन्य एथलीटों शिवपाल सिंह और अनु रानी जैसे खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए नवम्बर 2017 में एक साल के लिए मुख्य कोच नियुक्त किया गया था। चोपड़ा राष्ट्रमंडल और एशियाई खेल 2018 में उनकी निगरानी में खेले लेकिन इसके बाद जर्मनी के ही क्लॉस बार्टोनीज यह भूमिका निभाने लगे थे। गौरतलब है कि हॉन ने ओलम्पिक से पहले यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) और एएफआई ने अनुबंध स्वीकार करने के लिए उन्हें ‘ब्लैकमेल’ किया था। दोनों संस्थाओं ने हालांकि इस आरोप को खारिज कर दिया था।

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