टोक्यो में दिखा भारतीय सूरवीरों का धमाल

19 मेडलों के साथ मिला 24वां स्थान
गोल्डन गर्ल अवनि लेखरा ने थामा तिरंगा
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीय दिव्यांग सूरवीरों ने टोक्यो में 19 पदकों के साथ नई पटकथा लिखते हुए यह संदेश दिया कि उन्हें बेचारा न कहा जाए क्योंकि उनमें न केवल बला की ताकत है बल्कि देश का मान बढ़ाने का जज्बा भी है। टोक्यो पैरालम्पिक का समापन हो गया। समापन अवसर पर अवनि लेखरा भारतीय दल की ध्वजवाहक बनीं। 19 साल की इस शूटर ने टोक्यो में एक गोल्ड सहित दो मेडल जीते। 
अवनि ने एसएच-1 कैटेगरी के 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड मेडल और 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में ब्रॉन्ज मेडल जीता। भारत ने इस बार पांच गोल्ड सहित 19 मेडल जीते। भारत मेडल टेबल में 24वें स्यान पर रहा। यह पैरालम्पिक में भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। चीन 96 गोल्ड सहित 207 मेडल के साथ पहले स्थान पर रहा। ब्रिटेन 41 गोल्ड के साथ 124 मेडल जीतकर दूसरे स्थान पर रहा। अमेरिका को तीसरा स्थान मिला। उसके एथलीट्स ने 37 गोल्ड सहित 104 मेडल जीते। अगला पैरालम्पिक 2024 में पेरिस में होगा। 
क्लोजिंग सेरेमनी में भारत के 11 एथलीट्स ने हिस्सा लिया। 24 अगस्त को उद्घाटन समारोह में पांच एथलीटों ने हिस्सा लिया था। तब शॉटपुटर टेकचंद ध्वजवाहक थे। उन्होंने हाईजंपर मरियप्पन थंगवेलु की जगह ली थी। मरियप्पन हवाई यात्रा के दौरान कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए थे। जिसके बाद वह क्वारैंटाइन में चले गए थे और उनकी जगह पर टेकचंद को ध्वजवाहक बनाया गया था।
इससे पहले जीते थे कुल 12 मेडल
भारत ने टोक्यो पैरालम्पिक में 19 मेडल जीते। अब तक 53 साल में 11 पैरालम्पिक्स में भारत के 12 मेडल आए थे। 1960 से पैरालम्पिक हो रहा है। भारत 1968 से पैरालम्पिक में भाग ले रहा है वहीं 1976 और 1980 में भारत ने भाग नहीं लिया था। टोक्यो में भारत को 5 गोल्ड, 8 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज मेडल मिले हैं।
बैडमिंटन में 7 खिलाड़ी गए, 4 ने जीता मेडल
बैडमिंटन को पहली बार ओलम्पिक में शामिल किया गया था। भारत से 7 खिलाड़ियों ने विभिन्न कैटेगरी में भाग लिया। इनमें से चार खिलाड़ी मेडल जीते। प्रमोद भगत और कृष्णा नागर ने गोल्ड जीता, जबकि डीएम सुहास ने सिल्वर और मनोज सरकार ने ब्रॉन्ज मेडल जीता। पैरालम्पिक खेलों के दौरान 163 देशों के लगभग 4500 खिलाड़ियों ने 22 खेलों की 540 स्पर्धाओं में हिस्सा लिया। 

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