बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय हॉकी टीम नहीं खेलेगी

नरेन्द्र बत्रा की प्राथमिकता में एशियाई खेल
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलम्पिक में जबरदस्त प्रदर्शन कर सभी का दिल जीता। टोक्यो में पुरुष और महिला दोनों ही टीमों ने यादगार प्रदर्शन किया। पुरुषों ने 41 साल बाद जहां पदक जीता वहीं महिला टीम पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची। अब भारतीय हॉकी टीम की निगाह तीन साल बाद होने वाले पेरिस ओलम्पिक और उसके क्वालीफ़ायर पर है।
भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय पुरूष और महिला हॉकी टीम के बर्मिंघम में अगले साल होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने की सम्भावना बेहद कम है। ऐसा इसलिए क्योंकि टीम तब एशियाई खेलों के दौरान अपनी शीर्ष फार्म में रहना चाहेगी जो 2024 पेरिस ओलम्पिक के लिए क्वालीफायर टूर्नामेंट है। बत्रा ने कहा कि उन्होंने शुक्रवार को यहां एक औपचारिक बैठक के दौरान भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के महानिदेशक संदीप प्रधान को इस बात से अवगत करा दिया है।
अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के प्रमुख और हॉकी इंडिया के पूर्व अध्यक्ष बत्रा ने कहा कि भारतीय हॉकी टीम की प्राथमिकता एशियाई खेलों में अपने शिखर (लय और फिटनेस) पर पहुंचना है, जो राष्ट्रमंडल खेलों के ठीक 35 दिन बाद शुरू होगा।
गौरतलब है कि बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन 28 जुलाई से आठ अगस्त तक होना है जबकि एशियाई खेलों की मेजबानी चीन का हांग्जो 10 से 15 सितम्बर तक करेगा।
हॉकी इंडिया में प्रभुत्व रखने वाले बत्रा ने यहां जारी बयान में बताया, ‘हॉकी इंडिया के साथ मेरी प्रारंभिक चर्चा के आधार पर अब इस बात की संभावना कम है कि भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीम राष्ट्रमंडल खेलों 2022 में भाग लेगी। हॉकी इंडिया यह नहीं चाहेगा कि उसके खिलाड़ी एशियाई खेलों 2022 से 35 दिन पहले अपने खेल के शीर्ष पर पहुंचें। उसकी कोशिश होगी की खिलाड़ियों की लय और फिटनेस एशियाई खेलों के समय शीर्ष पर रहे।’
उन्होंने कहा, ‘2022 में राष्ट्रमंडल खेल चीन में एशियाई खेलों से ठीक 35 दिन पहले हैं और हॉकी में एशियाई खेलों का विजेता सीधे 2024 पेरिस ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई कर लेगा। इसलिए एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतना पुरुष और महिला हॉकी टीम दोनों के लिए जरूरी है।’
बत्रा ने कहा, ‘राष्ट्रमंडल खेलों 2022 के लिए भारतीय दल में खिलाड़ियों की संख्या 2018 की तुलना में बहुत कम होगी। इसमें 36 हॉकी खिलाड़ियों के साथ निशानेबाजी और तीरंदाजी के खिलाड़ी भी शामिल नहीं होंगे। लगभग 18 निशानेबाज और आठ तीरंदाजों को मिलाकर 2018 की तुलना में 62 खिलाड़ी कम हो गए।’

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