एशियाई युवा मुक्केबाजी में भारत ने जीते कुल आठ स्वर्ण

विश्वमित्र ने 51 किलोग्राम में जीता गोल्ड
नयी दिल्ली।
विश्व युवा कांस्य पदक विजेता विश्वमित्र चोंगथाम (51 किलो), विशाल (80 किलो) और नेहा (54 किलो) ने दुबई में एशियाई युवा मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में सोमवार को स्वर्ण पदक जीतकर भारत का दबदबा कायम रखा जबकि छह अन्य भारतीय मुक्केबाजों ने रजत पदक जीते। 
चोंगथाम ने उजबेकिस्तान के कुजिबोएव अहमदजोन को 4.1 से हराया वहीं विशाल ने किर्गीस्तान के अकमातोव संजार को 5.0 से मात दी। महिलाओं में नेहा ने कजाखस्तान की ऐशागुल येलेयुबायेवा को 3-2 से हराया। वहीं विश्वनाथ सुरेश (48 किलो) को रजत पदक से संतोष करना पड़ा जो मौजूदा युवा विश्व चैम्पियन कजाखस्तान के संजार ताशकेनबे से 0-5 से हार गए। 
वंशज (63.5 किलो) को कजाखस्तान के येरनुर सुयुनबे ने 5. 0 से हराया। जयदीप रावत (71 किलो) उजबेकिस्तान के अब्दुल्लाएव अलोखोन के खिलाफ मुकाबला पूरा नहीं कर पाये। महिला वर्ग में निवेदिता (48 किलो) फाइनल में उजबेकिस्तान की फरजोना फाजिलोवा से हार गई। वहीं तमन्ना (50 किलो) को उजबेकिस्तान की सबीना बोबोकुलावा ने 4.1 से हराया। सिमरन को उजबेक मुक्केबाज काजाकोवा फेरूजा ने ही 5.0 से शिकस्त दी। एक महिला समेत पांच मुक्केबाजों ने सेमीफाइनल में हार के बाद कांस्य पदक जीता था।
इससे पहले एशियाई जूनियर मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में भारत ने आठ स्वर्ण पदक जीतकर अपने अभियान का अंत किया। इनमें से छह स्वर्ण पदक लड़कियों ने जीते। इसके अलावा भारत ने पांच रजत और छह कांस्य पदक भी हासिल किये। भारत की छह लड़कियां फाइनल में पहुंची थीं जिनमें से छह ने स्वर्ण पदक जीते जबकि चार अन्य को रजत पदक मिला।

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