बोट क्लब प्रयागराज और प्रशिक्षक त्रिभुवन निषाद का जवाब नहीं

सुबह-शाम यमुना में जलक्रीड़ा करते देखे जा सकते हैं युवा

खेलपथ संवाद

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में कई ऐसी खेल शख्सियत हैं जिनका जीवन ही मानों खेलों के लिए बना है। ऐसी ही शख्सियत हैं बोट क्लब प्रयागराज के प्रशिक्षक त्रिभुवन निषाद। श्री निषाद के प्रयासों से सिर्फ प्रयागराज ही नहीं समूचे उत्तर प्रदेश में जलक्रीड़ा के क्षेत्र में अपना करिअर संवारने वाले युवाओं को बोट क्लब प्रयागराज हर तरह का प्रशिक्षण देता है वह भी बहुत कम शुल्क में।   

प्रशिक्षक त्रिभुवन निषाद की देखरेख में बोट क्लब प्रयागराज के बैनर तले यमुना नदी में पचासों युवा खिलाड़ी कयाकिंग कैनोइंग व ड्रैगन बोट चलाकर पसीना बहाते देखे जा सकते हैं। प्रयागराज, कीडगंज यमुना बैंक रोड स्थित बोट क्लब प्रयागराज में कयाकिंग, कैनोइंग व ड्रैगन बोट के खिलाड़ी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खेलों में भाग लेने के लिए सुबह-शाम पसीना बहाते देखे जा सकते हैं। ज्ञात हो कि ऐसा बोट क्लब प्रयागराज ही नहीं उत्तर प्रदेश में एकमात्र है। प्रवेश की प्रक्रिया पर श्री निषाद बताते हैं कि बोट क्लब प्रयागराज में प्रवेश के इच्छुक बालक-बालिका की न्यूनतम उम्र 12 वर्ष तथा अधिकतम 18 वर्ष होना अनिवार्य है। बोट क्लब में प्रवेश के उपरांत मात्र ₹300 रुपये प्रतिमाह के शुल्क पर खिलाड़ियों को हर तरह का अभ्यास कराया जाता है।

श्री निषाद बताते हैं कि कयाकिंग बोट तीन प्रकार की होती हैं। कयाक बोट को बालक, बालिका, महिला एवं पुरुष खिलाड़ी चलाते हैं। के-1 एक व्यक्ति चलाता है। के-2, दो व्यक्ति चलाते हैं। के-4 चार व्यक्ति चलाते हैं। कयाक की गोद में पीछे रबड़ लगा हुआ होता है जो खिलाड़ी पैर के सहारे अपने बोट को दिशा देता है। इसकी प्रतियोगिता सब जूनियर 16 साल से नीचे, जूनियर 16 से 18 साल तथा 18 से ऊपर सीनियर खिलाड़ी होते हैं। कयाकिंग बोट बैठकर चलाया जाता है। इसका चप्पू डबल ब्लेड, दोनों तरफ होता है बोट की लंबाई, वजन कुछ इस तरह होता है। के-1 की लम्बाई 520 सेंटीमीटर, वजन 12 किलो।  के-2 की लम्बाई 650 सेंटीमीटर, वजन 18 किलो। के-4 की लम्बाई 1100 सेंटीमीटर तथा वजन 30 किलो होता है। श्री निषाद बताते हैं कि इसकी प्रतियोगिता 200 मीटर, 500 मीटर, 1000 मीटर की दूरी से होती है। इसको चलाने के लिए बैलेंस की आवश्यकता होती है, इसके लिए तैराक होना जरूरी है।

कैनो बोट के बारे में श्री निषाद बताते हैं कि कैनोइंग बोट का ऊपर का भाग खुला हुआ होता है। खिलाड़ी घुटने के सहारे खड़े होकर पैडल चलाता है। कैनोइंग बोट का चप्पू सिंगल ब्लेड का होता है। इस बोट में रडर नहीं होता तथा चप्पू के सहारे बोट को सीधा किया जाता है व गति दी जाती है। कैनोइंग बोट तीन प्रकार से होते हैं सी-1 एक व्यक्ति चलाता है।

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