भारतीय पैरा खिलाड़ियों ने जीते एक दर्जन पदक

53 साल का हुआ पैरा खिलाड़ियों का सफरनामा
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
टोक्यो पैरालम्पिक की शुरुआत आज से होने जा रही है। इन खेलों में भारत की तरफ से 54 एथलीट 9 स्पर्धाओं में अपना दमखम दिखाएंगे। पैरालम्पिक खेलों में भाग लेने टोक्यो पहुंचे भारतीय एथलीटों में ऐसे कई खिलाड़ी शामिल हैं जो पदक जीतकर इतिहास रचने को बेताब हैं। वैसे पैरालम्पिक खेलों की शुरुआत साल 1968 से हुई जिसमें भारत का प्रदर्शन अच्छा रहा है। भारतीय पैरा एथलीटों ने इन खेलों में अब तक चार स्वर्ण, चार रजत और चार कांस्य पदक सहित कुल 12 मेडल जीते हैं।
मुरलीकांत पेटकर भारत के पहले पैरा एथलीट हैं जिन्होंने देश के लिए सबसे पहले स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने यह स्वर्ण पदक साल 1972 में हीडलबर्ग में आयोजित पैरालम्पिक खेलों में 50 मीटर फ्रीस्टाइल स्वीमिंग स्पर्धा में जीता था। उन्होंने 37.33 सेकेंड में यह दूरी तय की थी। 
भारत के जोगिंदर सिंह बेदी ने साल 1984 में न्यूयॉर्क में आयोजित पैरालम्पिक खेलों में शॉटपुट स्पर्धा में रजत पदक जीता था। इसके अलावा उन्होंने डिस्कस थ्रो और भाला फेंक स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने में सफल रहे। भारत की तरफ से पैरालम्पिक खेलों में सबसे अधिक पदक जीतने का रिकॉर्ड जोगिंदर सिंह के नाम है।
1984 पैरालम्पिक खेले में भीमराव केसरकर रजत पदक जीतने में सफल रहे। उन्होंने पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में रजत पदक जीता। इस स्पर्धा का कांस्य पदक जोगिंदर सिंह बेदी ने जीता था।
एथेंस पैरालम्पिक के दौरान भारत के भाला फेंक एथलीट देवेंद्र झाझरिया ने 20 साल का सूखा खत्म करते हुए जेवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने एथेंस पैरालम्पिक में 62.15 मीटर भाला फेंका। देवेंद्र एक बार फिर इस रिकॉर्ड को दोहराना चाहेंगे। टोक्यो पैरालम्पिक में देवेंद्र जल्द ही एक्शन में होंगे। 
एथेंस पैरालम्पिक में पदक जीतने वाले राजेंद्र सिंह रहेलू दूसरे भारतीय एथलीट रहे। उन्होंने पुरुषों के 56 किलोग्राम भारवर्ग में पावरलिफ्टिंग स्पर्धा में कांस्य पदक अपने नाम किया। उन्होंने इस दौरान 157.5 किलोग्राम भार उठाकर कांस्य पदक जीता था। 
लंदन पैरालम्पिक में भारत की तरफ से गिरीश नागराजेगौड़ा ही पदक जीत पाए। उन्होंने पुरुषों की हाईजंप में 1.74 मीटर की छलांग लगाते हुए रजत पदक जीता। गिरीश इस स्पर्धा में पदक जीतने वाले भारत के पहले पैरा एथलीट रहे। रियो पैरालम्पिक में भारतीय एथलीट देवेंद्र झाझरिया ने कमाल का प्रदर्शन करते पुरषों की भाला फेंक स्पर्धा में 63.97 मीटर भाला फेंका और स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे। वह जेवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीतने वाले भारत के पहले पैरा एथलीट हैं। रियो पैरालम्पिक में भारत के मरियप्पन थंगावेलू ने ऊंचीकूद में 1.89 मीटर की छलांग लगाते हुए स्वर्ण पदक जीता। वह भारत के उन तीन पैरा एथलीटों में शामिल हैं जिन्होंने इन खेलों में गोल्ड मेडल जीते हैं। 
भारत के पैरालम्पिक इतिहास में दीपा मलिक देश की पहली महिला एथलीट हैं जिन्होंने इन खेलों रजत पदक जीता है। दीपा रियो पैरालम्पिक में शॉटपुट स्पर्धा में 4.61 मीटर थ्रो कर सिल्वर मेडल जीतने में सफल रहीं। रियो पैरालम्पिक में वरुण सिंह भाटी ने भी इतिहास रचा। वह ऊंचीकूद में कांस्य पदक जीतने में सफल रहे। इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक मरियप्पन थंगावेलू ने जीता था।

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