खेलों के महाकुंभ में भारतीय निशानेबाजों ने किया निराश

अब तीन हिस्सों में होगी समीक्षा
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
यह लगातार दूसरी बार है, जब भारतीय निशानेबाज ओलम्पिक से बिना पदक के लौटे। 2016 रियो ओलम्पिक में भी भारतीय निशानेबाजों ने निराश किया था। बता दें कि टोक्यो ओलम्पिक में भारत की तरफ से 15 निशानेबाजों ने हिस्सा लिया था लेकिन कोई पोडियम तक नहीं पहुंचा।
टोक्यो ओलम्पिक में भारतीय निशानेबाजों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। 'खेलों के महाकुंभ' में भारतीय निशानेबाजों का ऐसा प्रदर्शन क्यों रहा, इसकी समीक्षा की जाएगी। यह समीक्षा तीन हिस्सों में होगी। भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) से जुड़े एक सूत्र ने गुरुवार को गोपनीयता की शर्त पर बताया, 'समीक्षा पहले ही शुरू हो चुकी है और यह तीन हिस्सों में होगी। सबसे पहले खिलाड़ी, फिर कोच और सहयोगी स्टाफ और फिर राष्ट्रीय महासंघ के अधिकारियों की समीक्षा होगी।' यह लगातार दूसरी बार है जब भारतीय निशानेबाज ओलम्पिक से बिना पदक के लौटे। 2016 रियो ओलम्पिक में भी भारतीय निशानेबाजों ने निराश किया था। बता दें कि टोक्यो ओलम्पिक में भारत की तरफ से 15 निशानेबाजों ने हिस्सा लिया था।
यह पूछने पर कि क्या एनआरएआई अध्यक्ष रनिंदर सिंह का भी विश्लेषण होगा, सूत्र ने इसका सकारात्मक जवाब देते हुए कहा कि महासंघ के प्रमुख इसके लिए तैयार हैं और टोक्यो में खेलों के दौरान भी उन्होंने इसी तरह की बात कही थी। दरअसल, महासंघ के शीर्ष पदाधिकारियों के विश्लेषण से पहले एनआरएआई निशानेबाजों, कोचों और सहयोगी स्टाफ की समीक्षा करा रहा है। टोक्यो में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद राष्ट्रीय महासंघ की नजरें ढांचे में बड़े बदलावों पर है।
एक अधिकारी ने कहा, 'निश्चित तौर पर आप पूरे ढांचे में बड़े बदलाव की उम्मीद कर सकते हैं और यह सिर्फ कोचों तक सीमित नहीं होगा। सभी का विस्तार से आकलन होगा क्योंकि टोक्यो में विफलता के पीछे के कारण ढूंढ़ने का प्रयास किया जा रहा है।' उन्होंने कहा, 'निशानेबाजों, कोचों और सहयोगी स्टाफ की समीक्षा एनआरएआई अध्यक्ष रनिंदर सिंह, सचिव राजीव भाटिया और महासचिव डीवी सीताराम राव करेंगे।'

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