ब्रांज मेडल से संतुष्ट नहीं बजरंग पूनिया

देश को पदक दिलाना सबसे बड़ी खुशी
अपने अनुभव से तैयार करेंगे पहलवान
खेलपथ संवाद
सोनीपत।
टोक्यो ओलम्पिक के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि वह ब्रांज मेडल से संतुष्ट नहीं हैं, लेकिन चोटिल होने के बाद भी देश को मेडल दिलाने से खुशी है। उन्होंने कहा कि पेरिस ओलम्पिक में मेडल का रंग बदलने के इरादे से मैदान में उतरेंगे। 
ओलम्पिक में ब्रांज मेडल जीतकर आधी रात को सुजान सिंह पार्क स्थित आवास पर पहुंचने पर पहलवान बजरंग पूनिया का भव्य स्वागत किया गया। घर में प्रवेश से पहले बजरंग का विजयी योद्धा की तरह स्वागत हुआ। बजरंग ने अपना मेडल अपनी मां रामप्यारी के गले में पहना दिया, जिससे उसकी मां अभिभूत हो गईं। मां ने उसे अपने हाथों से तैयार चूरमा खिलाया। पिता बलवान सिंह भी बेटे को देख भावुक हो गए और उसे अपने गले से लगा लिया। इस दौरान करीब दो घंटे तक जमकर नाच-गाना भी हुआ। 
कॉमनवेल्थ की तैयारियों में जुटेंगे
बजरंग पूनिया ने बातचीत में बताया कि टोक्यो ओलम्पिक में देशवासियों को उनसे काफी उम्मीद थी। वह भी गोल्ड मेडल की उम्मीद लेकर टोक्यो गए थे। मगर इसके बीच चोट आड़े आ गई। उन्होंने बताया कि चोटिल होने के बावजूद देश को मेडल दिलाकर खुशी मिली है मगर वह खुद संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने उन्हें आराम दिया है। आराम कितना होगा यह डॉक्टर और कुश्ती फेडरेशन तय करेगी। चोट से रिकवरी के बाद वह मैदान में अभ्यास के लिए उतरेंगे। उसके बाद एशियन व कॉमनवेल्थ खेलों की तैयारियों का सिलसिला शुरू हो जाएगा। 
बजरंग पूनिया ने खेल एकेडमी खोले जाने संबंधी चर्चाओं पर कहा कि अभी वह खुद लड़ रहे हैं। रोज नई तकनीक सीख रहे हैं। वह देश को ओलम्पिक सहित प्रतिष्ठित प्रतियोगिताओं के गोल्ड मेडल देने के लिए मेहनत कर रहे हैं। मौका मिलने पर नए पहलवानों से अपने अनुभव शेयर करते हैं। सही समय आने पर अपने अनुभव पहलवान तैयार करेंगे। 
पूनिया ने कहा कि पेरिस ओलम्पिक में वह गोल्ड की तैयारियों के इरादे से मैदान में उतरेंगे। उनकी पत्नी पहलवान संगीता फोगाट ने बातचीत में कहा कि चोट लगने के बाद भी मेडल जीतना वाकई में बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि चोटिल होने के बाद भी मेडल जीतने से उन्हें खुशी है।

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