नीरज की निगाहें विश्व चैम्पियनशिप पर

राष्ट्रीय शिविर करियर का टर्निंग प्वाइंट
सात अगस्त काे मनेगा राष्ट्रीय भाला फेंक दिवस
खेलपथ संवाद
नयी दिल्ली।
राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेल 2018 में खिताब जीतने के बाद ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने वाले भाला फेंक के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा का लक्ष्य अब अगले वर्ष अमेरिका में होने वाली विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतना है। 
विश्व चैम्पियनशिप अमेरिका के इयुगेन में इस वर्ष होनी थी लेकिन टोक्यो ओलम्पिक को एक साल के लिये स्थगित किये जाने के बाद इसे 2022 में आयोजित करने का फैसला किया गया। चोपड़ा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘अब मेरा अगला लक्ष्य अगले वर्ष विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतना है।' उन्होंने कहा, ‘विश्व चैम्पियनशिप बड़ी प्रतियोगिता है और कभी कभी यह ओलम्पिक से भी कड़ी होती है। 
मैं इस ओलम्पिक स्वर्ण पदक से ही संतुष्ट नहीं होने वाला हूं। मैं इससे भी बेहतर प्रदर्शन करना चाहूंगा तथा एशियाई खेल, राष्ट्रमंडल खेल और ओलम्पिक में फिर से स्वर्ण पदक जीतना चाहूंगा।' इस 23 वर्षीय सुपरस्टार को इसके अलावा लगता है कि राष्ट्रीय खेलों में पांचवें स्थान पर रहने के बावजूद भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) का उन्हें राष्ट्रीय शिविर में शामिल करना उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट था। राष्ट्रीय शिविर से जुड़ने से पहले चोपड़ा पंचकूला के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में अभ्यास कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘हम अच्छा अभ्यास कर रहे थे लेकिन सुविधाएं, उपकरण, आहार वहां (पंचकूला) अच्छे नहीं थे, लेकिन एक बार जब मैं राष्ट्रीय शिविर (एनआईएस पटियाला) से जुड़ा तो सब कुछ बदल गया।' 
नीरज चोपड़ा ने सात अगस्त को टोक्यो ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था और अब भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) इस दिन को राष्ट्रीय भाला फेंक दिवस के रूप में मनाएगा। चोपड़ा सहित अन्य एथलीटों के सम्मान समारोह के दौरान एएफआई के योजना आयोग के चेयरमैन ललित भनोट ने कहा, ‘पूरे भारत में भाला फेंक को बढ़ावा देने के लिए हम सात अगस्त को राष्ट्रीय भाला फेंक दिवस के रूप में मनाएंगे और अगले साल से हमारी मान्यता प्राप्त इकाइयां इस दिन अपने अपने राज्यों में भाला फेंक प्रतियोगिता का आयोजन करेंगी।' उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद अंतर जिला प्रतियोगिताएं होंगी और हम भाला मुहैया कराएंगे (क्योंकि काफी भालों की जरूरत होगी)। आगामी वर्षों में हम इस प्रतियोगिता में विस्तार करके इसे राष्ट्रीय प्रतियोगिता बनाएंगे।'

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