यह पदक पूरे देश के लिए : नीरज

कभी भी डरो नहीं, विरोधी चाहे कोई भी हो
खेलपथ संवाद
नयी दिल्ली।
यह पदक मेरा नहीं बल्कि पूरे देश का है। यह बात नीरज चोपड़ा ने दिल्ली में हुए स्वागत समारोह में कही। भारत के ओलम्पिक पदक विजेताओं का सरकार ने सोमवार को सम्मान समारोह में भव्य स्वागत किया। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि इन खिलाड़ियों की यात्रा ‘खेल उत्कृष्टता और जज्बे की अविश्वसनीय कहानी’ रही है। 
दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में आयोजित समारोह में सभी की निगाहें एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले देश के पहले खिलाड़ी नीरज चोपड़ा पर टिकी थीं। खेल मंत्री ने उन्हें स्मृति चिह्न और शॉल भेंट की। चोपड़ा ने कहा, ‘यह पदक पूरे देश के लिए है।’ सेना के 23 साल के इस खिलाड़ी ने कहा कि देश के खिलाड़ियों के लिए उनका एकमात्र संदेश यह है कि कभी भी डरो नहीं। विरोधी चाहे कोई भी हो, अपना सर्वश्रेष्ठ दो। 
आपको बस यही करने की जरूरत है और इस स्वर्ण पदक के यही मायने हैं। कभी विरोधी से मत डरो। कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने कहा, ‘मैं घर वापस आकर बहुत खुश हूं। मुझे पता था कि भारत में लोग बहुत खुश होंगे, लेकिन यहां वापस आने के बाद पहली बार इतना प्यार पाकर बहुत अच्छा लग रहा है। मैं इस तरह के और पदकों के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगी।’ कांस्य जीतकर लौटे पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा, मैंने केवल अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की। ठाकुर ने कहा, ‘टोक्यो 2020 में भारत के लिए कई चीजें पहली बार हुईं। 
ओलंपिक खेलों ने हमें दिखाया कि आत्म-अनुशासन और समर्पण के साथ हम चैम्पियन बन सकते हैं। टीम इंडिया ने उत्कृष्ट प्रदर्शन से प्रेरित किया, जबकि भारत के लोगों ने इस सफलता पर खुशी और जश्न मनाया। हम अपने खिलाड़ियों का समर्थन करना जारी रखेंगे और भारत को एक खेल महाशक्ति बनाने का प्रयास करेंगे।’ खेल मंत्री ने गोल्फर अदिति अशोक के चौथे स्थान पर रहने की भी तारीफ की। ठाकुर के पूर्ववर्ती किरेन रिजिजू ने सभी खिलाड़ियों के प्रदर्शन की प्रशंसा करते हुए कहा, यह सिर्फ शुरुआत है।

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