खेल एक उज्ज्वल भविष्य के दरवाजे खोलेंगे

अब तीन साल बाद पेरिस में मिलेंगे
अमेरिका शीर्ष, चीन दूसरे तथा मेजबान जापान तीसरे स्थान पर रहा
खेलपथ संवाद
टोक्यो।
कोरोना वायरस और निकट आ रहे तूफान के बीच असाधारण टोक्यो ओलम्पिक खेलों का रविवार को यहां रोशनी के फव्वारों के बीच समापन हो गया, जिसमें उम्मीद और दृढ़ता का अभूतपूर्व प्रदर्शन दिखा। जापान की राजधानी में इतिहास के सबसे विशिष्ट खेलों का समापन शानदार आतिशबाजी के साथ हुआ। 
कोरोना महामारी के दौरान जान गंवाने वालों को याद करते हुए आगे बढ़ने के संदेश व संकल्प के साथ ओलम्पिक ध्वज पेरिस को सौंपा गया, जहां अगले ओलम्पिक खेल तीन साल बाद आयोजित किये जायेंगे। वैश्विक स्वास्थ्य संकट के कारण एक साल देरी, बढ़ती लागत और आयोजन को लेकर स्थानीय लोगों की विभाजित राय के बीच टोक्यो ओलम्पिक तमाम चुनौतियों को पार करते हुए समापन समारोह तक पहुंचा। 
कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया भारतीय दल के ध्वजवाहक बने। समारोह का मुख्य संदेश था कि खेल एक उज्ज्वल भविष्य के दरवाजे खोलेंगे। भारत सात पदक से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके निश्चित उज्ज्वल भविष्य की ओर देख सकता है, जिसमें भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने 13 साल बाद पहला स्वर्ण दिलाया, जो खेलों में ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धा का देश का पहला पदक भी है। 
भारत ने इस स्वर्ण के अलावा दो रजत और चार कांस्य पदक भी जीते। अमेरिका पदक तालिका में 113 पोडियम स्थान से शीर्ष पर रहा जिसमें 39 स्वर्ण पदक हैं। चीन 38 स्वर्ण से 88 पोडियम स्थान से दूसरे स्थान पर रहा। मेजबान जापान 27 स्वर्ण सहित 58 पदकों से तीसरे स्थान पर रहा।
अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाक ने ओलम्पिक खेलों का औपचारिक समापन करने के बाद कहा, ‘एथलीट तेजी से आगे बढ़े और मजबूत हुए, क्योंकि वे सभी एकजुट होकर खड़े थे। आप लोगों ने हमें खेलों के इस एकीकृत प्रतीक से प्रेरित किया। महामारी के बाद पहली बार दुनिया एकजुट हुई। लोग भावनाओं से जुड़े, वे खुशी और प्रेरणा के पलों को साझा कर रहे थे। इससे हमें उम्मीद मिलती है, यह हमें भविष्य में भरोसा देता है। 
टोक्यो में ओलम्पिक खेल उम्मीद, एकजुटता और शांति के ओलम्पिक खेल थे। आप जापानी लोगों ने जो हासिल किया, उस पर आप बेहद गर्व कर सकते हो। सभी खिलाड़ियों की ओर से हम आपको कहते हैं शुक्रिया टोक्यो, शुक्रिया जापान।’ 
समापन समारोह का थीम ‘वर्ल्ड वी शेयर’ था, जिसमें रोशनी से लेकर संगीत के शो, आतिशबाजियां और स्टंट शामिल थे। टोक्यो के आसमान में रोशनी का फव्वारा फैल गया और फिर इनसे ओलम्पिक रिंग बनी। कोरोना वायरस प्रोटोकॉल के कारण समारोह दर्शकों के बिना किया गया, लेकिन आयोजकों ने स्टेडियम के अंदर स्क्रीन लगायी थी, जिसमें दुनिया भर के प्रशंसकों के वीडियो दिखाये जा रहे थे।
उद्घाटन समारोह में जहां खिलाड़ी ‘फॉर्मल’ पोशाक पहने थे, वहीं समापन समारोह उनके लिये लुत्फ उठाने और ‘रिलैक्स’ होने का मौका था। बड़ी संख्या में खिलाड़ी पहुंचे और वे अपने मोबाइल फोन से इस क्षण को कैद कर रहे थे। समारोह एक वीडियो के साथ शुरू हुआ, जिसमें 17 दिन की स्पर्धाओं का सार था।
ओलम्पिक मशाल बुझाने से पहले पहली बार अगले मेजबान देश का राष्ट्रगान दिखाया गया, जिसे एक फिल्म के तौर पर फिल्माया गया। पहली बार अगले मेजबान देश से लाइव जश्न दिखाया गया। इसमें संगीतकार 6 विभिन्न स्थानों से परफॉर्म कर रहे थे। संदेश था, ‘हम दूर हैं, हम एक साथ होकर एक साथ खेल सकते हैं।’

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