आज नीरज तोड़ेगा अपना ही रिकॉर्डः नसीम अहमद

इंडियन ग्रांप्री-3 में 88.7 मीटर थ्रो कर चुका है चोपड़ा 
खेलपथ संवाद
चंडीगढ़।
टोक्यो ओलम्पिक में आज भारतीय जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा मेडल के लिए थ्रो करेंगे। नीरज चोपड़ा ने अपने क्वालीफाइंग राउंड में 86.65 मीटर थ्रो कर प्रतियोगिता के क्वालीफाइंग में राउंड में पहला स्थान हासिल किया था। नीरज चोपड़ा ने पंचकूला के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में एथलेटिक्स कोच नसीम अहमद से छह साल तक कोचिंग ली है। ऐसे अपने ट्रेनी के प्रदर्शन से कोच नसीम अहमद खासे खुश हैं।
नीरज चोपड़ा के कोच नसीम अहमद ने कहा कि इस थ्रो से यकीनन नीरज का मनोबल काफी ऊपर हुआ होगा। इसका फायदा उन्हें फाइनल राउंड में मिलेगा। उन्होंने बताया कि इसी वर्ष मार्च में नीरज चोपड़ा ने पटियाला में आय़ोजित इंडियन ग्रांप्री-3 में 88.7 मीटर थ्रो को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया था। नसीम ने बताया कि नीरज लय में हैं और वह यकीनन अपने रिकार्ड को तोड़कर नया कीर्तिमान स्थापित करेंगे।
कोच नसीम अहमद बताते हैं कि नीरज चोपड़ा आज बड़े एथलीट हैं। बावजूद इसके वो आज भी मेरे सामने कुर्सी पर नहीं बैठते हैं। वो ज्यादा बात नहीं करते हैं लेकिन जब भी कोई बड़ी प्रतियोगिता में खेलने के लिए जाते हैं तो आशीर्वाद जरूर लेते हैं। मैं उन्हें आशीर्वाद तो देता हूं और उनसे हर बड़ी प्रतियोगिता से पहले गुरुदक्षिणा में मेडल मांग लेता हूं और वो मेडल जीतते ही मुझे उसकी फोटो मैसेज कर देते हैं। नसीम बताते हैं कि मैं नीरज का हर मैच देखता हूं लेकिन फिर भी मेरी जीत तब होती है जब मेरे नीरज का मैसेज आ जाता है। यह पल हजारों खिलाड़ियों को तराशने के बाद एक कोच को नसीब होता है। मैं खुशनसीब हूं कि मैं देश को नीरज चोपड़ा जैसा एथलीट दे पाया। मैंने ओलम्पिक में भी उनसे गोल्ड मेडल मांगा है।
कोच नसीन अहमद ने बताया कि नीरज के चाचा साल 2011 में उनके पास नीरज को लेकर आए और यह कहा कि यह मेरा भतीजा है जो खा-खाकर मोटा हो रहा है आप इसे भी दौड़ाया करो। मैंने कहा आप स्टेडियम में भेज दिया करें, जिसके बाद नीरज रोज आने लगा। पानीपत का एक और लड़का पैरा एथलीट नरेंद्र था,जोकि मेरे पास हॉस्टल में रहता था। नरेंद्र और नीरज की दोस्ती हो गई इसके बाद वह भी हॉस्टल में रहने आ गया। नीरज किसान का बेटा है, इसलिए उसने अपनी मेहनत और जज्बे से इसी साल (2011) ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी का रिकॉर्ड तोड़ दिया, इसके बाद उसने विजयवाड़ा में खेलते हुए अंडर-18 में भी राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था। वह साल 2016 तक मेरे पास रहा।

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