रवि दहिया ने कहा मैं रजत पदक से संतुष्ट नहीं

टोक्यो में पहलवान ने जीता चांदी का पदक
खेलपथ संवाद
चीबा (जापान)।
टोक्यो ओलम्पिक में कुश्ती का चांदी का पदक जीतने वाले रवि कुमार दहिया ने दूरभाष पर कहा- ‘मैं रजत पदक के लिये नहीं आया था। इससे मुझे संतुष्टि नहीं मिलेगी। शायद इस बार मैं रजत पदक का ही हकदार था क्योंकि युवुगेव आज बेहतर पहलवान था। मैं जो चाहता था, वह हासिल नहीं कर पाया।' 
दो बार के मौजूदा एशियाई चैम्पियन ने कहा, ‘उसकी (विश्व चैम्पियन युवुगेव की) शैली बहुत अच्छी थी। मैं अपने हिसाब से कुश्ती नहीं लड़ पाया। मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या कर सकता हूं।' यह रजत पदक भारतीय कुश्ती के लिये क्या मायने रखता है? इस प्रश्न पर रवि ने कहा, ‘वो तो ठीक है लेकिन रजत लेकर चुप नहीं बैठ सकता। मुझे एकाग्रता बनाये रखनी होगी, तकनीक पर काम करना होगा, अगले ओलम्पिक के लिये तैयार रहना होगा।'
भारतीय पहलवान रवि दहिया ने टोक्यो ओलम्पिक की कुश्ती प्रतियोगिता के पुरुषों के 57 किलोग्राम भारवर्ग में बृहस्पतिवार को रजत पदक जीता। उम्मीद लगायी जा रही थी कि 23 वर्षीय दहिया देश के सबसे युवा ओलम्पिक चैम्पियन बनने में सफल रहेंगे लेकिन फाइनल में वह रूसी पहलवान जावुर युवुगेव से 4-7 से हार गये। दहिया कुश्ती में ओलम्पिक रजत पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय पहलवान बन गये हैं। सुशील कुमार ने लंदन ओलम्पिक 2012 में यह उपलब्धि हासिल की थी।

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