टीम इंडिया की सबसे मुश्किल सीरीज आज से
पिछले 10 साल में इंग्लैंड में सबसे ज्यादा हार मिली
15 में से 12 टेस्ट हार चुकी है टीम इंडिया
ट्रेंटब्रिज। भारत और इंग्लैंड के बीच आज से 5 मैचों की टेस्ट सीरीज शुरू हो रही है। पहला टेस्ट ट्रेंटब्रिज में दोपहर 3:30 बजे से शुरू होगा। काफी समय से दोनों ही टीमों को इस मुकाबले का इंतजार था। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में न्यूजीलैंड से हारने के बाद टीम इंडिया टेस्ट फॉर्मेट में जीत की राह पर लौटना चाहती है।
हालांकि यह सीरीज भारत के लिए आसान नहीं रहने वाली है, क्योंकि टीम को पिछले 10 साल में सबसे ज्यादा हार इंग्लैंड की धरती पर ही मिली हैं। टीम इंडिया ने इंग्लैंड में इस दौरान 15 टेस्ट खेले हैं। इनमें से 12 में भारत को हार का सामना करना पड़ा और वह सिर्फ दो मैच ही जीत सकी। इंग्लैंड की टीम के लिए घरेलू परिस्थितियां रहेंगी, लिहाजा उसे इसका फायदा भी मिलेगा।
भारत के लिए सबसे मुश्किल रहने वाले SENA के बाकी देशों की बात करें, तो टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में पिछले 10 साल में 16 टेस्ट खेले हैं। इनमें से 8 मैच में टीम इंडिया को हार मिली और 4 मैच में जीत दर्ज की वहीं, न्यूजीलैंड दौरे पर भारत ने 4 टेस्ट खेले, जिनमें से 3 में हार मिली और 1 ड्रॉ रहा। साउथ अफ्रीका में भारत ने 8 टेस्ट खेले, जिनमें से 2 में जीत और 4 में हार का सामना करना पड़ा। 2 टेस्ट ड्रॉ रहे।
भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ उसके होम ग्राउंड पर अब तक कुल 62 टेस्ट खेले हैं। इसमें से 7 में टीम को जीत मिली और 34 में हार का सामना करना पड़ा। 21 टेस्ट ड्रॉ रहे। पिछले 10 साल की बात की जाए, तो भारत ने 2011, 2014 और 2018 में इंग्लैंड का दौरा किया था। 2011 में इंग्लैंड ने भारत को क्लीन स्वीप किया।
वहीं, 2014 में भारतीय टीम 5 मैचों की सीरीज में 4-1 से हारी थी। 2018 में भी इंग्लिश टीम ने भारत को 5 टेस्ट की सीरीज में 3-1 से हराया था। ऐसे में विदेशी धरती पर न्यूजीलैंड के खिलाफ WTC फाइनल और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज भारत के लिए आसान नहीं रहने वाली है।
इस सीरीज में इंग्लैंड के बॉलर्स और इंडिया के बैट्समैन के बीच मुकाबला देखने को मिलेगा। इंग्लिश टीम की ओर से पिछले 10 साल में भारत के खिलाफ सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले टॉप-5 गेंदबाज अभी भी टीम में मौजूद हैं। इनमें एंडरसन (94 विकेट), ब्रॉड (68 विकेट), मोइन (49 विकेट) और आदिल रशीद (33 विकेट) शामिल हैं।
क्यों आसान नहीं होगा इस बार का दौरा?
इंग्लैंड में पिछले 10 साल में सभी देशों के गेंदबाजों ने मिलकर कुल 2181 विकेट लिए हैं। इसमें से पेस बॉलर्स ने 1733 और स्पिनर्स ने 448 विकेट लिए हैं। इंग्लैंड के पास जेम्स एंडरसन, स्टुअर्ट ब्रॉड और क्रिस वोक्स जैसे पेस बॉलर्स हैं। वर्ल्ड क्रिकेट में फिलहाल एंडरसन और ब्रॉड बेस्ट पेस बॉलर्स हैं। इन दोनों ने पिछले 10 साल में 521 विकेट चटकाए हैं।
ट्रेंट ब्रिज की पिच पर भरपूर घास मौजूद होती है, जिससे तेज गेंदबाजों को मदद मिलती है। इस मैच से पहले BCCI ने पिच की तस्वीर शेयर की थी। इसका मतलब है कि दोनों टीमों के तेज गेंदबाजों पर काफी दारोमदार होगा। बल्लेबाजों को अपने शॉट खेलने से पहले क्रीज पर अपना समय बिताना होगा।
जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ेगा, स्पिनरों को भी कुछ टर्न मिलेगा। टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने वाली टीम पहले गेंदबाजी के अनुकूल परिस्थितियों का अच्छा उपयोग करने की कोशिश करेगी। हालांकि, नॉटिंघम के मैदान पर इससे पहले 2018 में भारत और इंग्लैंड के बीच जो टेस्ट मैच खेला गया था, उसे भारत ने जीतकर अपने नाम किया था।
दोनों टीमों की संभावित प्लेइंग-11
इंग्लैंडः डोमिनिक सिबली, रोरी बर्न्स, जैक क्राउली, जो रूट (कप्तान), हसीब हमीद/जॉनी बेयरस्टो, डेनियल लॉरेंस, जोस बटलर (विकेटकीपर), जैक लीच, स्टुअर्ट ब्रॉड, जेम्स एंडरसन और मार्क वुड/ओली रॉबिन्सन।
भारतः रोहित शर्मा, लोकेश राहुल/हनुमा विहारी, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली (कप्तान), अजिंक्य रहाणे, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), रविन्द्र जडेजा, शार्दूल ठाकुर/मोहम्मद सिराज, मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा और जसप्रीत बुमराह।