फाइनल का दबाव नहीं झेल पाईं कमलप्रीत

मेडल से चूकीं, छठें स्थान पर रहीं
टोक्यो।
भारतीय चक्काफेंक खिलाड़ी कमलप्रीत कौर टोक्यो ओलंपिक में वर्षाबाधित फाइनल में 63.70 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो लगाकर छठे स्थान पर रहकर मेडल से चूक गईं। शनिवार को क्वालीफाइंग दौर में दूसरे स्थान पर रही कमलप्रीत आठ दौर के फाइनल में कभी भी पदक की दौड़ में नहीं रहीं। 
अमेरिका की वालारी आलमैन 68.98 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण, जर्मनी की क्रिस्टीन पुडेंज को रजत और मौजूदा विश्व चैम्पियन क्यूबा की येमे पेरेज को कांस्य पदक मिला। दो बार की गत चैम्पियन क्रोएशिया की सैंड्रा पेरकोविच चौथे स्थान पर रहीं। बारिश के कारण मुकाबला एक घंटे तक बाधित रहा। कमलप्रीत ने तीसरे दौर में 63.70 मीटर का थ्रो फेंका और छठें स्थान पर रहीं। इससे पहले 2010 राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता कृष्णा पूनिया भी लंदन ओलम्पिक 2012 में छठें स्थान पर रही थीं। 
पूरे फाइनल में नर्वस दिखीं :
अपने निजी कोच के बिना आई कमलप्रीत पूरे फाइनल में नर्वस नजर आईं। अभी तक वह एकमात्र अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट विश्व यूनिवर्सिटी खेल 2017 में भाग ले पाई हैं और उनमें आत्मविश्वास का अभाव दिख रहा था। पंजाब के एक किसान की बेटी कमलप्रीत ने शनिवार को 64 मीटर का थ्रो लगाकर पदक की उम्मीद जगाई थी।

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