खिलाड़ियों में भी सैनिकों जैसे संकल्प की भावना पैदा करने की जरूरतः डॉ. अशोक लेंका
ऐ मातृभूमि तेरी जय हो, सदा विजय हो,
प्रत्येक भक्त तेरा, सुख-शांति-कांतिमय हो।
श्रीप्रकाश शुक्ला
नई दिल्ली। वेटरंस इंडिया के बैनर तले 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस पर उन जांबाजों को याद किया गया जिन्होंने मातृभूमि की खातिर अपने प्राणों का उत्सर्ग कर दिया। वेटरंस इंडिया देश का ऐसा पहला स्वैच्छिक संगठन है जोकि देश के हर ज्वलंत मुद्दे पर अपनी सकारात्मक राय रखता है। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार राष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन वेबएक्स पोर्टल के माध्यम से विजय दिवस मनाया गया। इस अवसर पर वेटरंस इंडिया स्पोर्ट्स विंग के राष्ट्रीय महासचिव तथा कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अशोक कुमार लेंका ने कहा कि आज के समय में देश के खिलाड़ियों में भी सैनिकों जैसे संकल्प की भावना पैदा करने की जरूरत है।
कारगिल विजय दिवस, सफल ऑपरेशन विजय के नाम पर, प्रतिवर्ष हिन्दुस्तान 26 जुलाई को मनाता है। इस दिन उन जांबाजों को याद किया जाता है, जिन्होंने 26 जुलाई, 1999 के दिन भारत भूमि को घुसपैठियों से आजाद कराकर एक नई पटकथा लिखी थी। यह खासतौर पर उन शहीदों को याद करने और सम्मानित करने का दिन है जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राण त्याग दिए।
देश के लिए यह दिन बेहद अहम है, इस बात को ध्यान में रखते हुए वेटरंस इंडिया अपनी स्थापना वर्ष से ही विजय दिवस पर कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देकर भारत के वीरों की उस वीरगाथा को याद करता है। कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ पर हुए ऑनलाइन कार्यक्रम में परिवहन और नागरिक उड्डयन मंत्री जनरल वी.के. सिंह, एवीएसएम, पीवीएसएम, एएफसी, एमपी, मुख्य संरक्षक वेटरंस इंडिया, संसद सदस्य और भाजपा हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष एयर वेटरन सुरेश आदि ने अपने-अपने विचार रखे। पूर्व सेनाधिकारियों ने बताया कि उस समय दुश्मन बर्फीले पहाड़ की चोटियों पर घात लगाए बैठा था। लगभग 1800 फुट ऊपर पहाड़ियों में छिपा दुश्मन भारतीय जांबाजों को रोकने की हरसंभव कोशिश कर रहा था, लेकिन हमारे जांबाज प्राणों की परवाह किए बिना बढ़ते रहे और अपनी बहादुरी का परचम फहराते हुए दुश्मनों को पीठ दिखाकर भागने को मजबूर कर दिया।
कार्यक्रम में भारत के सबसे बड़े रक्षा विश्लेषक मेजर जनरल जी.डी. बख्शी, परमवीर चक्र लेफ्टिनेंट योगेंद्र यादव, वीर चक्र और 1971 के युद्ध के दिग्गज कर्नल अशोक कुमार तारा, वेटरंस इंडिया के संरक्षक एयर वाइस मार्शल ओ.पी. तिवारी, एयर वाइस मार्शल एस.के. जिंदल, उपाध्यक्ष वेटरंस इंडिया डॉ. एम.बी. सिंह चौहान और कर्नल एच.बी. शर्मा ने भी विजय दिवस के कई संस्मरण सुनाए। इन्होंने बताया कि हमारे सैनिकों ने कारगिल पर फतह हासिल कर दुनिया को संदेश दिया कि हमसे टकराने वाले मिट्टी में मिल जाएंगे, 1999 के उस रण में कई जांबाज शहीद हुए, उन्होंने देश की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। पूर्व सेना अधिकारियों ने बताया कि कारगिल युद्ध में देश के 527 सैनिक शहीद हुए तथा 1350 घायल हुए थे।
वेटरंस इंडिया के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष बिनय मिश्रा द्वारा स्वागत भाषण दिया गया। कार्यक्रम में सभी ने 1999 के कारगिल युद्ध में शहीदों को श्रद्धांजलि दी। सभी महानुभावों ने इस जीत को विश्व में अद्वितीय बताते हुए शहीदों की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। वेटरंस इंडिया स्पोर्ट्स विंग के राष्ट्रीय महासचिव तथा कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अशोक कुमार लेंका ने सभी का आभार मानते हुए इस बात पर जोर दिया कि उन शहीदों की वीरता की गाथा अगली पीढ़ी को दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक पर्वतारोही के रूप में वह ऐसे इलाके में युद्ध की कठिनाई की कल्पना आसानी से कर सकते हैं। उन्होंने इस विजय को खेलों में भी समाहित करने पर जोर दिया। डॉ. लेंका ने कहा कि देश के खिलाड़ियों में भी सैनिकों जैसे संकल्प की भावना पैदा करने की जरूरत है। सभी ने टोक्यो ओलम्पिक में शिरकत करने गए खिलाड़ियों को विजय की शुभकामनाएं दीं।