वेटलिफ्टर मीराबाई चानू पर टोक्यो में उम्मीदों का भार

सिडनी ओलम्पिक के बाद कोई महिला वेटलिफ्टर बनी है पदक की दावेदार
चीन और अमेरिकी लिफ्टर से होगी कड़ी टक्कर
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
वेटलिफ्टिंग और विवादों का चोली-दामन का साथ रहा है। सिडनी ओलम्पिक में कर्णम मल्लेश्वरी के पहले पदक के बाद से ही यह खेल हमेशा विवादों में रहा है, लेकिन पिछले 21 साल में यह पहली बार है जब ओलम्पिक से पहले ये खेल न विवादों में है बल्कि 49 किलो में मीराबाई चानू पदक की बड़ी दावेदार हैं। 
24 जुलाई को ओलम्पिक के पहले दिन सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो मीराबाई इतिहास रच सकती हैं। अमेरिका से टोक्यो पहुंचने के बाद उन्हें जेट लैग सता रहा था, लेकिन सोमवार से उन्होंने ओलंपिक की अंतिम तैयारियों को शुरू कर दिया है।
2017 में विश्व चैंपियन बनने के बाद ही मीरा पर सभी की निगाहें हैं। अंतराष्ट्रीय वेटलिफ्टिंग फेडरेशन की ओर से 49 किलो में जारी टोक्यो में भाग लेने वाले लिफ्टरों की सूची में मीरा 205 किलो वजन के साथ दूसरे स्थान पर हैं। यह वजन उन्होंने हाल ही में एशियाई चैम्पियनशिप में उठाया था। यहां उन्होंने क्लीन एंड जर्क में 119 किलो वजन उठाकर विश्व कीर्तिमान बनाया, लेकिन स्नैच में वह 86 किलो ही उठा सकीं।
यहां चीन की हो झीहुई ने 213 किलो वजन उठाकर स्वर्ण जीता था। मीरा की टक्कर हो झीहुई से ही है, लेकिन अमेरिका की जार्डन डेलक्रूज उन्हें गंभीर चुनौती दे सकती हैं। डेलक्रूज ने पैन अमेरिकन खेलों में 200 किलो वजन उठाया है, लेकिन हाल ही में उन्होंने घरेलू कंपटीशन में 204 किलो वजन उठाकर वह मीरा के लिए गंभीर चुनौती बन गई हैं।
एशियाई चैंपियनशिप में मीरा के कंधे में समस्या आ गई थी, जिसका इलाज कराने वह अमेरिका गईं। इस समस्या के चलते वह स्नैच में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रही थीं, लेकिन अब यह समस्या काफी हद तक ठीक हो गई है। मीरा ने अमेरिका में प्रैक्टिस के दौरान स्नैच में अच्छा प्रदर्शन किया है। यह कोच विजय शर्मा के लिए राहत की बात है। 
विजय शर्मा साफ करते हैं कि यह ओलम्पिक है। वह किसी को हल्के में नहीं ले रहे हैं। उनकी कोशिश यही रहेगी कि मीरा जितना प्रैक्टिस में उठा रही है। उतना ही वजन वह ओलम्पिक प्लेटफार्म पर उठाएं। विजय मानते हैं अगर प्रैक्टिस जितना मीरा ने वजन उठाया तो निश्चित रूप से पदक उनकी झोली में होगा।

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