टोक्यो ओलम्पिक में 12 साल की जाजा सबसे कम उम्र की खिलाड़ी

66 साल की दादी मैरी हैं सबसे उम्रदराज
शूटर तेजस्विनी सावंत सबसे उम्रदराज खिलाड़ी
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
सीरिया की 12 साल की टेबल टेनिस खिलाड़ी हेंड जाजा टोक्यो ओलंपिक में सबसे युवा तो 66 वर्षीय दादी मैरी हन्ना सबसे उम्रदराज खिलाड़ी होंगी। ऑस्ट्रेलियाई घुड़सवार मैरी के यह छठे ओलंपिक होंगे। मैरी तीन पोते-पोतियों की दादी हैं। वह शायद इन खेलों में खेलने वाली एकमात्र दादी होंगी। दादी मैरी को ओलंपिक में अपने पहले पदक की तलाश है। 
दुनिया की 155वें नंबर की खिलाड़ी जाजा ने पिछले साल फरवरी में 11 साल की उम्र में ओलम्पिक का टिकट कटाया था। उन्होंने जॉर्डन में हुए वेस्ट एशिया क्वालीफायर टूर्नामेंट में अपने से 31 साल बड़ी खिलाड़ी लेबनान की 42 वर्षीय मारियाना शहकियन को पराजित कर यह उपलब्धि हासिल की थी। वह अपने देश की पहली टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं जो (क्वालीफाई करके) अपने दम पर खेलों के महाकुंभ में खेेलेंगी। 
जाजा खेलों के इतिहास की पांचवीं सबसे युवा खिलाड़ी होंगी। सीरिया का छह सदस्यीय दल टोक्यो में खेलेगा जिनमें जाजा एकमात्र महिला खिलाड़ी हैं। सीरिया ने पहली बार 1948 ओलंपिक में भाग लिया था लेकिन अभी तक कोई पदक नहीं जीता है। रियो ओलंपिक में नेपाल की 13 साल की तैराक गौरिका सिंह सबसे युवा खिलाड़ी थीं।
ऑस्ट्रेलिया के ही 62 वर्षीय घुड़सवार एंड्रयू होय टोक्यो में सबसे उम्रदराज पुरुष खिलाड़ी होंगे। 1984 में लॉस एंजिलिस खेलों में पहली बार खेलने वाले एंड्रयू के यह रिकॉर्ड आठवें ओलंपिक होंगे। वह ऑस्ट्रेलिया की ओर से सर्वाधिक बार ओलंपिक में खेलने वाले खिलाड़ी होंगे। एंड्रयू (1992 बार्सिलोना, 1996 अटलांटा, सिडनी 2000) के नाम टीम स्पर्धा में तीन स्वर्ण पदक हैं। व्यक्तिगत स्पर्धा में 21 साल पहले सिडनी में ही उन्होंने रजत पदक जीता था। यह शायद उनके आखिरी ओलंपिक होंगे तो वह स्वर्ण पदक जीतने की अपनी हसरत पूरी करना चाहेंगे।
पंद्रह साल पहले अपना पहला अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय निशानेबाज तेजस्विनी सावंत का आखिरकार ओलम्पिक खेलने का सपना साकार हो ही गया। वह ओलम्पिक में पदार्पण करने वाली देश की सबसे उम्रदराज ओलम्पियन बनेंगी। चालीस वर्षीय तेजस्विनी टोक्यो में 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में निशना साधेंगी। महाराष्ट्र के कोल्हापुर की तेजस्विनी ने पहली बार 2006 मेलबर्न राष्ट्रमंडल खेलों में सोने पर निशाना साधा था। उसके बाद से वह विश्व कप के स्वर्ण सहित कई पदक जीत चुकी हैं। तेजस्विनी इससे पहले दो बार (2008 बीजिंग और 2012 लंदन) ओलम्पिक के टिकट से चूक गई थीं।

रिलेटेड पोस्ट्स