जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा पर हैं सबकी निगाहें

ओलम्पिक पदक की उम्मीद
चार से पांच एथलीट फाइनल में हो सकते हैं
नई दिल्ली।
टोक्यो ओलम्पिक में सबसे बड़ा भारतीय दल 26 एथलीटों का एथलेटिक्स में उतरने जा रहा है। हालांकि रियो ओलम्पिक में भी 34 एथलीटों ने भागीदारी की थी, लेकिन लम्बे समय बाद एथलेटिक्स में कोई एथलीट पदक का दावेदार माना जा रहा है, वह हैं जेवलिन थ्रोवर नीरज चोपड़ा।
जूनियर विश्वकीर्तिमानधारी, राष्ट्रमंडल और एशियाई खेल चैम्पियन जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा से इस बार टोक्यो में परचम लहराने की उम्मीद की जा रही है। अंतिम बार 2004 के एथेंस ओलम्पिक में लॉंग जंपर अंजू बॉबी जॉर्ज पदक की दावेदार मानी गई थीं, लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो पंजाब की डिस्कस थ्रोअर कमलप्रीत कौर छुपी रुस्तम साबित होने जा रही हैं।
इसका कारण उनकी ओर से इंडियन ग्रांप्री में राष्ट्रीय कीर्तिमान के साथ लगाई गई 66.59 मीटर की थ्रो है। वैसे पूर्व चीफ कोच द्रोणाचार्य अवार्डी बहादुर सिंह एथलीटों के हालिया प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए दावा करते हैं कि इस बार ओलम्पिक में एथलीटों का सर्वश्रेष्ठ आएगा।
आज तक मात्र तीन भारतीय जेवलिन थ्रोअर (गुरतेज सिंह 1984, जगदीश बिश्नोई, गुरमीत कौर 2000) ही ओलम्पिक में शिरकत कर सके हैं, लेकिन इस बार नीरज चोपड़ा, शिवपाल सिंह और मेरठ की अनू रानी टोक्यो में खेलने जा रहे हैं। नीरज के नाम 88.07 मीटर का राष्ट्रीय कीर्तिमान है। इस प्रदर्शन की बदौलत उन्हें पदक का दावेदार माना जा रहा है। फिर बड़े कम्पटीशनों में नीरज का प्रदर्शन हमेशा अच्छा रहा है। चंदौली (यूपी) के शिवपाल भी 85.47 मीटर की थ्रो के साथ ओलम्पिक क्वालीफाई कर चुके हैं। 
महिला डिस्कस थ्रो में कमलप्रीत कौर और सीमा पूनिया टोक्यो में दावा ठोकने जा रही हैं। सीमा के पास जहां तीन ओलम्पिक का अपार अनुभव है तो कमलप्रीत ने अपने हालिया प्रदर्शन से चौंकाया है। दो दिन पूर्व ही प्रैक्टिस के दौरान कमलप्रीत ने लगातार 63 मीटर से ऊपर की कई थ्रो लगाईं। 66.59 के उनके प्रदर्शन सभी को हैरानी में डाल दिया।
बहादुर सिंह मानते हैं कि इस थ्रोअर में 70 मीटर तक डिस्कस फेंकने की क्षमता है। कमलप्रीत के खिलाफ सिर्फ यही बात जाती है कि उन्होंने अब तक कोई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट नहीं खेला है। इंटर स्टेट में ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करने वाली सीमा पूनिया के साथ ऐसा नहीं है। 
जिस तरह से भारतीय एथलीटों ने हाल में प्रदर्शन दिखाया है। उससे मुझे उम्मीद है कि चार से पांच एथलीट इस बार कम से कम फाइनल में होंगे। नीरज चोपड़ा, कमलप्रीत कौर, 21.49 मीटर गोला फेंकने वाले तेजिंदर पाल सिंह तूर, तीन हजार मीटर स्टीपलचेज में 8.20.20 मिनट का समय निकालने वाले अविनाश साबले ऐसे एथलीट हैं जो फाइनल में पहुंच सकते हैं।
वैसे मुझे पुरुषों की चार गुणा चार सौ मीटर रिले टीम से भी उम्मीद है। अमोज जैकब ने अगर अपना सर्वश्रेष्ठ किया तो भारतीय टीम फाइनल में हो सकती है। भारतीय टीम के पूर्व चीफ कोच, दो बार के एशियाई खेल स्वर्ण पदक विजेता द्रोणाचार्य अवार्डी शॉटपुटर बहादुर सिंह, मिल्खा सिंह 1960, जीएस रंधावा 1964, श्रीराम सिंह 1976, पीटी ऊषा 1984, अंजू बॉबी 2004, कृष्णा पूनिया, विकास गौड़ा 2012, ललिता बाबर 2016 ओलम्पिक के फाइनल में पहुंचे हैं।

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