एश्ले बार्टी ने जीता दूसरा ग्रैंड स्लैम

खत्म किया 41 साल का सूखा
बचपन का सपना किया पूरा
विम्बलडन।
दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया की एश्ले बार्टी ने विम्बलडन का खिताब इतिहास रच दिया। उन्होंने फाइनल में चेक गणराज्य की कैरोलिना प्लिसकोवा को 6-3, 6-7(4), 6-3 से हराकर पहली बार विम्बलडन महिला एकल का खिताब अपने नाम किया। 
इस जीत के साथ ही बार्टी ने दूसरी बार ग्रैंड स्लैम खिताब पर कब्जा किया। इससे पहले उन्होंने 2019 में फ्रेंच ओपन का खिताब अपने नाम किया था। बता दें कि ऑल इंग्लैंड क्लब को नई चैम्पियन मिल गई। कोरोना के चलते पिछली बार यह ग्रैंड स्लैम नहीं हुआ था। 2019 में रोमानिया की सिमोना हालेप ने पहली बार यह खिताब जीता था। प्लिस्कोवा पिछले सात वर्षों में विंबलडन के फाइनल में पहुंचने वाली चेक गणराज्य की पहली खिलाड़ी थीं। 
बार्टी 41 साल बाद विंबलडन महिला एकल का खिताब जीतने वाली ऑस्ट्रेलिया की पहली महिला खिलाड़ी बन गईं हैं। इससे पहले 1980 में उनकी आदर्श खिलाड़ी इवोनी गूलागोंग ने अपना दूसरा विंबलडन खिताब जीता था। उसके बाद कोई ऑस्ट्रेलियाई महिला खिलाड़ी खिताब नहीं जीत पाई थी। मगर बार्टी ने शनिवार को 41 साल के इस सूखे को खत्म किया। बता दें कि इवोनी 1971 में विंबलडन टेनिस ग्रैंड स्लैम ट्रॉफी जीतने वाली पहली ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी बनी थीं। ऐसे में उस ट्रॉफी की यह 50वीं वर्षगांठ थी।
विम्बलडन चैंपियन बनना बार्टी का बचपन का सपना था। वह कई बार कह चुकी थीं कि एक दिन मैं यहां चैंपियन बनूंगी। यह मेरा सपना और लक्ष्य है, जिसे बार्टी ने आज आसानी से पूरा कर लिया। बता दें कि प्लिसकोवा ने सेमीफाइनल में सबालेंका को एक घंटे 53 मिनट तक चले मैच में 5-7, 6-4, 6-4 से जबकि बार्टी ने 2018 की चैंपियन कर्बर को 6-3, 7-6 (3) से हराया था।
साथ ही 1977 के बाद ऐसा पहली बार है जब फाइनल की दोनों प्रतिभागी ऑल इंग्लैंड क्लब में खिताबी भिड़ंत तक का सफर तय करने में सफल हुई हों। बार्टी और प्लिस्कोवा इससे पहले ग्रास कोर्ट मेजर में चौथे दौर से आगे नहीं पहुंच सकी थीं।

रिलेटेड पोस्ट्स