हरमिलन का लक्ष्य 1500 मीटर में ओलम्पिक का टिकट

800 मीटर में हासिल की स्वर्णिम सफलता
खेलपथ संवाद
पटियाला।
800 मीटर में स्वर्णिम सफलता हासिल करने वाली हरमिलन बैंस आज 1500 मीटर दौड़ जीतकर ओलम्पिक का टिकट हासिल करने का प्रयास करेगी। हरमिलन चाहती हैं कि दोहरी कामयाबी हासिल कर वह टोक्यो का टिकट हासिल कर अपने माता-पिता का सपना पूरा करें।
राष्ट्रीय खेल संस्थान पटियाला में चल रही नेशनल इंटर स्टेट एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 800 मीटर स्पर्धा में जीत दर्ज करने वाली हरमिलन बैंस की नजर अब 1500 मीटर दौड़ पर है। इस स्पर्धा में हरमिलन ने अपना प्रदर्शन पिछले समय के दौरान लगातार सुधारा है।
इसमें उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन (4:08.70 मिनट) 21 जून को यहां एनआईएस में हुए एकदिवसीय फेडरेशन कप एथलेटिक मीट में किया था। इस स्पर्धा में यह प्रदर्शन हरमिलन का ही सर्वश्रेष्ठ नहीं बल्कि पूरे एशिया में बेस्ट है। दूसरी ओर 1500 मीटर के लिए ओलम्पिक का क्वालीफाइंग मार्क 4:04.20 मिनट है। खेल विशेषज्ञ इसे हरमिलन बैंस की पकड़ में मान रहे हैं।
हरमिलन की माता माधुरी सक्सेना भी 800 मीटर दौड़ में भारत का प्रतिनिधित्व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कर चुकी हैं। उन्होंने बुसान एशियन गेम्स में इसी स्पर्धा में देश को रजत पदक दिलाया था। इस बारे में माधुरी सक्सेना ने बताया कि उन्होंने तब जो समय निकाला था, हरमिलन उसे क्रास कर चुकी है। हरमिलन के पिता अमनदीप बैंस साउथ एशियन गेम्स में 1500 मीटर रेस में कांस्य पदक जीत चुके हैं।
टोक्यो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई कर चुके या फिर क्वालीफाई करने की सम्भावना वाले एथलीट्स इन दिनों यहां एनआईएस में ठहरे हैं। चूंकि अभी हरमिलन बैंस इनमें से किसी कैटेगरी में नहीं है तो एनआईएस पटियाला के मैनेजमेंट ने उन्हें यहां ठहरकर प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं दी।
इस बारे में उनकी माता माधुरी सक्सेना ने पुष्टि की कि उन्होंने हरमिलन की प्रैक्टिस के लिए हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला स्थित साई सेंटर की मैनेजमेंट से बात की तो उसके बाद हरमिलन को वहां प्रैक्टिस की अनुमति मिली। ठंडे मौसम में एथलीट्स की प्रैक्टिस बेहतर होती है और उसका फायदा हरमिलन को भी मिला। माधुरी सक्सेना ने उम्मीद जताई कि हरमिलन टोक्यो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करके उनसे मिली एथलेटिक्स की विरासत को आगे बढ़ाएगी।

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