योग शारीरिक ही नहीं आंतरिक आत्मा का सम्बल हैः डॉ. अशोक लेंका

जाने-माने हॉकी खिलाड़ी संरक्षक दिलीप तिर्की ने भी डाला योग पर प्रकाश

श्रीप्रकाश शुक्ला

नई दिल्ली। सोमवार को वेटरंस इंडिया स्पोर्ट्स विंग के बैनर तले सातवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। राष्ट्रीय सलाहकार योग गुरु असित कुमार आइच अकादमी के सहयोग से कार्यक्रम की गरिमा को जहां चार चांद लग गए वहीं भारतीय योग संघ और वैदिक योग संगठन ने भी अपना सराहनीय योगदान दिया। वेटरंस इंडिया स्पोर्ट्स विंग के लिए खुशी बात रही जाने-माने हॉकी खिलाड़ी दिलीप तिर्की का संगठन का संरक्षक बनना।

सातवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम की शुरुआत ई-लाइटिंग, गणेश वंदना के बाद वेटरंस इंडिया के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष बिनय कुमार मिश्रा के स्वागत भाषण के साथ हुई। इसके बाद अशोक अग्रवाल, संस्थापक अध्यक्ष और सचिव एशियाई योग महासंघ द्वारा उद्घाटन भाषण दिया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज के व्यस्त और तनावपूर्ण जीवन में कुछ मिनट की योग क्रिया न केवल सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है बल्कि हमें स्वस्थ भी रख सकती है। श्री अग्रवाल ने कहा कि योग व्यायाम का ऐसा प्रभावशाली प्रकार है, जिसके माध्यम से न केवल शरीर के अंगों बल्कि मन, मस्तिष्क और आत्मा में संतुलन बनाया जा सकता है। यही कारण है कि योग शा‍रीरिक व्याधियों के अलावा मानसिक समस्याओं से भी निजात दिलाने में समर्थ है।

वेटरंस इंडिया के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष बिनय कुमार मिश्रा ने कहा कि योग क्रिया से हम शरीर के सभी विकारों पर काबू पा सकते हैं। भारत समूची दुनिया का योग गुरु है। हमारे यहां पांच हजार साल पहले से योग के महत्व को स्वीकार्यता मिली हुई है। श्री मिश्रा ने कहा कि योग भारत की प्राचीन परम्परा का एक अमूल्य उपहार है। यह मन और शरीर की एकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि मनुष्य के पास रोगों से बचने का एकमात्र विकल्प योग है। यदि हम अपने व्यस्त जीवन में से एक घण्टा भी प्रतिदिन योगासन व प्राणायाम करें तो हमारा पूरा दिन आनन्दमय होगा और हम आजीवन बीमारियों से बचे रह सकते हैं।

वेटरंस इंडिया के महासचिव डॉ. अशोक लेंका ने कहा कि योग शारीरिक ही नहीं आंतरिक आत्मा का सम्बल है। भारतीय धर्म और दर्शन में योग का विशेष महत्व है। योग शरीर और मस्तिष्क के बीच सन्तुलन बनाने में भी मदद करता है। योग के नियमित अभ्यास से हम शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह से स्वस्थ रह सकते हैं। डॉ. लेंका ने आह्वान किया कि हम सभी को अपनी जीवन शैली में योग को शामिल करना चाहिए। डॉ. लेंका ने पर्वत में योग करने और अनन्त यात्रा के अपने कारनामों के बारे में बताया। उन्होंने हिमालय की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में योग के कुछ गूढ़ अभ्यासों जैसे त्सुमो (अस्थायी नियमन) और लुमगम (लम्बे समय तक कसरत करके vo2 अधिकतम के चरम पर जाने की प्रतिकूल स्थिति में) से जुड़े योग के अभ्यासों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने शरीर के सूक्ष्म आंतरिक अंगों के स्थूल समायोजन के बारे में भी जानकारी दी।  

हॉकी लीजेंड दिलीप तिर्की ने कहा कि योग इंसान की सोच, काम करने का तरीका, संयम तथा सद्भाव सिखाता है। योग सिर्फ कसरत नहीं है बल्कि यह हमारी जीवन शैली को बदलकर अच्छी तरह से काम करने में मदद करता है। यदि हमें अपने व्यस्त जीवन में शांत और निरोगी रहना है तो योग को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करना होगा। इस अवसर पर बॉडी माइंड सह-संबंध और लचीलेपन का प्रदर्शन मिस द्वैता सरकार द्वारा योग नृत्य के साथ किया गया। योगरानी सस्मिता द्वारा योग प्रदर्शन किया गया। योग पर इंदु अग्रवाल, अध्यक्ष योग फेडरेशन ऑफ इंडिया, डॉ. प्रेम चंद कश्यप, सचिव प्रशासन विस, संजय झा, सचिव वाईएफआई द्वारा रे, सचिव ओडिशा महिला, भोलानाथ सिंह, राष्ट्रीय सचिव द्वारा योग शक्ति और आंतरिक परिवर्तनों पर अपने-अपने उद्गार व्यक्त किए गए। तपन बर्मन, निदेशक वैदिक योग संगठन ने भी यौगिक क्रियाओं की जानकारी दी गई। इसके बाद संगठन की राष्ट्रीय संयुक्त सचिव नरेश मुद्गल ने खेल की चोट और योग के बारे में बताया गया। वक्ताओं ने माना की कोरोना महामारी के दौरान योग मानवता के उद्धारकर्ता के रूप में सामने आया है। अंत में राष्ट्रीय सचिव वयोवृद्ध मुरली आचार्य ने महामारी के बावजूद अंतरराष्ट्रीय दिवस समारोह को उचित तरीके से आयोजित करने के लिए वेटरंस इंडिया स्पोर्ट्स विंग, भारतीय योग संघ और वैदिक योग संगठन को बधाई दी। राष्ट्रगान "जन गण मन" के साथ समारोह का समापन हुआ।

 

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