टोक्यो ओलम्पिक में दर्शक बनने की भारतीयों में मची होड़

आईओए के पास पहुंची टोक्यो जाने को 605 की लम्बी सूची 
भारतीय ओलम्पिक संघ के इंकार के बाद 480 हुई संख्या
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीयों की अजब लीला है। टोक्यो ओलम्पिक को करीब देखते हुए खिलाड़ियों के साथ जाने वालों ने अभी से जुगाड़ बैठाना शुरू कर दिया है। मजे की बात तो यह है कि टोक्यो ओलम्पिक का टिकट कटाने वालों की संख्या सवा सौ भी नहीं है लेकिन जापान जाने वालों और वहां तफरी करने वालों की संख्या तीन गुना अधिक है।
टोक्यो ओलम्पिक का टिकट हासिल करने वाले भारतीय खिलाड़ियों की संख्या 120 से 125 के बीच रहने की उम्मीद है, लेकिन खिलाड़ियों की मांग और उनके साथ जाने वाले कोच, सपोर्ट स्टाफ, ऑफीशियल्स की बड़ी संख्या ने भारतीय ओलम्पिक संघ की नींद उड़ा दी है।
किसी को टोक्यो में मां का साथ चाहिए तो कोई पिता को ले जाना चाहता है। ज्यादातर खिलाड़ियों ने अपने निजी विदेशी और देसी प्रशिक्षकों को साथ ले जाने की मांग की है। टोक्यो जाने के लिए आईओए को प्राप्त पहली लम्बी लिस्ट में 605 के नाम हैं। आईओए ने जब इस पर आपत्ति जताते हुए दोबारा नाम भेजने को कहा तो यह सूची 480 पर आ गई जो अभी भी बहुत ज्यादा है। 
नियमानुसार ओलम्पिक के लिए जितने खिलाड़ी क्वालीफाई करते हैं उसके 33 प्रतिशत ही साथ में कोच, सपोर्ट स्टाफ के रूप में जा सकते हैं। ऐसे में टोक्यो जाने वालों की संख्या 170 (125 खिलाड़ियों पर 33 प्रतिशत सपोर्ट स्टाफ) के आसपास बैठती है।
टोक्यो जाने वाले खिलाड़ियों ने उनके नाम दिए हैं जो उन्हें अच्छे प्रदर्शन में मदद करें, लेकिन आईओए ने सभी खेल संघों को पत्र लिखकर कहा कि इस बार ओलम्पिक में जरूरी और संचालन करने वालों को जाने की इजाजत होगी। ऐसे में भेजे नामों की छंटनी की जाए। तब संख्या 605 से 480 पर आई है।
पदक के दावेदार पहलवान बजरंग ने अपने निजी कोच शाको, विनेश ने अपने निजी हंगेरियन कोच वॉलर एकोस, रवि दहिया ने रूसी कोच कमाल मालिकोव और दीपक पूनिया ने मुराद गाईदारोव को मांगा है। आईओए ने कुश्ती संघ को साफ किया है कि खिलाड़ियों के निजी कोच को ओलम्पिक में नहीं भेजा जाएगा। मैरीकॉम ने अपने कोच छोटे लाल यादव, मुक्केबाज अमित पंघाल बचपन के कोच अनिल धनकड़ को ले जाना चाहते हैं।
ओलम्पिक के लिए पहली बार क्वालीफाई करने वाली देश की पहली महिला तलवारबाज भवानी देवी अपनी मां को टोक्यो ले जाना चाहती हैं। भवानी मानती हैं कि उनकी मां ने अपने जेवर बेच उन्हें खिलाया। मां वहां होंगी तो उन्हें अच्छे प्रदर्शन में मदद मिलेगी। उन्होंने अपने साथ अन्य छह की भी सूची दी है।
एक महिला शूटर अपने पिता को बतौर मेंटल ट्रेनर ले जानी चाहती हैं। पीवी सिंधू ने गोपीचंद को नहीं कोरियाई कोच पार्क ताई सुंग को मांगा है। चिराग, सात्विकसाईराज ने डेनिश कोच मथायस बोए को मांगा है। मीराबाई अपने साथ चीफ कोच विजय शर्मा के अलावा दो अन्य कोच ले जाना चाहती हैं जिससे वजन उठाने की उनकी रणनीति फिट बैठे। वहीं 15 शूटरों के साथ 10 कोचेज का नाम दिया गया है। इस बार कम्पटीशन खत्म होने के बाद गेम्स विलेज 48 घंटे में छोड़ना होगा। ऐसे में आईओए की कोशिश है कि वापस आने वालों के कार्ड रद्द कर दूसरों को स्थांतरित किए जाएं।

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