भारतीय रेसलिंग एसोसिएशन पर 16 लाख का जुर्माना

सुमित की जगह दूसरे पहलवान को टोक्यो नहीं भेज सकेगा भारत
नई दिल्ली।
टोक्यो ओलम्पिक से 49 दिन पहले डोप टेस्ट में फेल होने वाले 125 किलो वेट कैटेगरी के पहलवान सुमित की जगह रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया किसी अन्य पहलवान को नहीं भेज सकेगा। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर ने बताया कि सुमित बुल्गारिया में आयोजित वर्ल्ड रेसलिंग ओलम्पिक क्वालीफाइंग इवेंट में लिए गए सैंपल में पॉजिटिव पाए गए थे। यह टूर्नामेंट यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के तत्वाधान में किया गया था। 
सैंपल भी इंडिया के बाहर की एजेंसी ने लिया था। ऐसे में नियमों के तहत देश का कोटा भी समाप्त हो जाता है। ओलम्पिक नियमों के अनुसार पहलवान देश के लिए कोटा हासिल होता है। नेशनल फेडरेशन उसे किसी को भी ट्रांसर्फर कर सकता है। लेकिन, इस मामले में ऐसा नहीं होगा। तोमर ने बताया कि अगर सुमित का सैंपल भारत में नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) की ओर से लिया गया होता और वे उसमें पॉजिटिव पाए जाते तो कोटा किसी अन्य खिलाड़ी को मिल सकता था, लेकिन सुमित का सैंपल देश के बाहर लिया गया है, इसलिए खिलाड़ी पर बैन के साथ ही देश का कोटा भी खत्म हो गया है।
सुमित के डोप में फेल होने पर रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया पर 16 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। वहीं सुमित को अस्थायी रूप से बैन कर दिया है। तोमर ने कहा कि सुमित के बी सैंपल के बाद सुनवाई के दौरान फेडरेशन भी अपना पक्ष रखेगा।
बी सैंपल के बाद सुमित को रखना होगा पक्ष
सुमित का ए सैंपल पॉजिटिव आने के बाद बी सैंपल का परीक्षण होगा। इसके लिए सुमित को 10 जून तक वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी को आवेदन करना होगा। बी सैंपल आने के बाद ही सुमित को अपना पक्ष वाडा और यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के सामने रखना होगा। फेडरेशन भी अपना पक्ष रखेगा।
ए और बी सैंपल क्या होता है
दरअसल किसी भी खिलाड़ी का डोप टेस्ट लिए जब यूरिन या ब्लड लिया जाता है, तो उसे दो बोतल ए और बी में रखा जाता है। पहले ए बोतल के सैंपल की जांच की जाती है और उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद खिलाड़ी के अनुरोध पर बी सैंपल की भी जांच की जाती है। अगर कहीं रिपोर्ट गलत हो या कहीं बोतल परिवर्तन हो गया तो खिलाड़ी का सही रिपोर्ट आ सके और खिलाड़ी को नुकसान न हो।
दरअसल डोप के लिए सैंपल वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) और इससे मान्यता प्राप्त किसी देश की नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी लेती है। सैंपल कभी भी लिया जा सकता है। प्रतियोगिता के दौरान और ट्रेनिंग के दौरान भी नाडा और वाडा सैंपल ले सकती है। नाडा सैंपल की रिपोर्ट वाडा को भी भेजती है। जिसके बाद वाडा और नाडा की ओर से खिलाड़ी पर बैन लगाया जाता है।
फेडरेशन पर भी उठ रहे हैं सवाल
सूत्रों के मुताबिक सुमित के बैन पर फेडरेशन भी सवाल उठ रहे हैं। सुमित अप्रैल में एशियन रेसलिंग चैम्पियनशिप से आने के बाद कैंप में ही थे और फिर मई में वर्ल्ड रेसलिंग क्वॉलीफाइंग इवेंट के लिए गए थे। चूंकि सुमित को एशियन रेसलिंग चैम्पियनशिप के दौरान घुटने में चोट लग गई थी। वह कैंप में थे। ऐसे में मेडिकल टीम को उनके चोट की जानकारी थी। 
मेडिकल टीम को उनके दवा लेने के बारे में भी पता था। अब ऐसे में सवाल है कि फिर लापरवाही कहां हुई? इस पर तोमर का कहना है कि सुमित अंतरराष्ट्रीय स्तर के पहलवान हैं। उन्हें पता है कि प्रतिबंधित दवा कौन सी है। हमेश निगरानी रखना मुश्किल है। शायद उन्होंने ज्यादा दर्द होने पर आयुर्वेद की दवा भी ली थी।
रियो ओलम्पिक से पहले भी सुमित विवादों में आए थे। वे ओलम्पिक क्वॉलीफायर के दौरान शुरुआती मुकाबला हारने के बाद स्टेडियम से ही चले गए थे और रेपचेज मुकाबला नहीं लड़ा था। बाद में रेपचेज में विजेता बने पहलवान को ओलम्पिक टिकट मिला था। इसके बाद रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने कार्रवाई की थी।
कुश्ती में साथ खिलाड़ी टोक्यो में ठोकेंगे ताल
रेसलिंग में 8 खिलाड़ियों का अब तक का सबसे बड़ा भारतीय दल ओलम्पिक में जा रहा है। इसमें 4 पुरुष और 4 महिला पहलवान हैं। इससे पहले 2016 में रियो में 7 रेसलर गए थे। सुमित के अलावा इस बार रवि कुमार दहिया, बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया, सीमा बिस्ला, विनेश फोगाट, अंशु मलिक और सोनम मलिक ओलम्पिक कोटा हासिल कर चुके हैं। इनमें बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और दीपक पूनिया वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप थ्री में शामिल हैं। इन तीनों से मेडल की उम्मीद की जा रही है।
लगातार दूसरे ओलम्पिक से पहले भारतीय पहलवान फेल
यह लगातार दूसरी बार है, जब ओलम्पिक से पहले कोई भारतीय रेसलर डोप टेस्ट में फेल हुआ हो। इससे पहले 2016 में रियो ओलम्पिक से पहले पहलवान नरसिंह यादव का मामला सामने आया था। 2016 में 74 किलो वेट में नरसिंह और 2 बार के ओलम्पिक मेडलिस्ट सुशील कुमार दावेदार थे। सुशील ओलम्पिक क्वालीफायर्स के ट्रायल में हिस्सा नहीं ले पाए। इसके बाद नरसिंह को ओलम्पिक क्वालीफायर्स इवेंट के लिए भेजा गया। नरसिंह ने अपनी प्रतिभा से कोटा हासिल भी कर लिया। लेकिन बाद में उन पर डोपिंग का डंक लग गया।

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