शटलर साइना की आगे की राह कठिनः विमल कुमार

24 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय खिताब जीते हैं, 11 सुपर सीरीज 
नई दिल्ली।
पूर्व बैडमिंटन कोच विमल कुमार का मानना है कि कोरोना के कारण टोक्यो ओलम्पिक में खेलने का सपना टूटने के बाद साइना नेहवाल का आगे का सफर कठिन है। उन्हें अपने कॅरिअर को विस्तार देने के लिए टूर्नामेंट चुनकर ही खेलना होगा। चोट और खराब फॉर्म से जूझती आई 31 वर्ष की साइना अपना चौथा ओलम्पिक नहीं खेल सकेंगी।
विमल ने कहा,‘वह 2005-06 में सुर्खियों में आई थीं और प्रकाश पादुकोण के कारण खेल में अगली पीढ़ी को प्रेरित करने वाली बन गईं। वह लगातार अच्छा खेलीं और कई साल तक खेलीं। यह दुखद है कि वह इस बार ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकीं। आखिरी दो मैचों में वह बदकिस्मत रहीं।’ 
साइना को दुनिया की नंबर एक रैंकिंग तक पहुंचाने वाले विमल का मानना है कि लंदन ओलम्पिक की कांस्य पदक विजेता कुछ साल और भारतीय बैडमिंटन को दे सकती हैं। बशर्ते वह सही योजना बनाकर खेले और अपने शरीर का ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि वह कुछ साल और खेल सकती हैं लेकिन यह कठिन होगा। उन्हें सही रणनीति बनाकर चुनिंदा टूर्नामेंट ही खेलने होंगे। उनके पास इतना अनुभव है कि वह सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को हरा सकती हैं लेकिन उन्हें रैंकिंग पर ध्यान नहीं देना चाहिए क्योंकि सर्किट पर खेलते हुए चोटमुक्त रहना कठिन होगा।’
पांच नए खेल और 15 नई स्पर्धाएं इस बार ओलम्पिक में शामिल होंगी। इनमें कराटे, स्केटबोर्डिंग, तीन गुणा तीन बास्केटबॉल, स्पोर्ट्स क्लाबिंग और सर्फिंग पहली बार शामिल होंगे। साइक्लिंग में बीएमएक्स स्पर्धा भी पहली बार खेलों के महाकुंभ में शामिल होगी।
बेसबॉल व साफ्टबॉल की वापसी:  1992 और 2008 ओलम्पिक खेलों का हिस्सा रहे बेसबॉल और साफ्टबॉल भी वापसी करेंगे। 
मस्कट : मस्कट मिराईटोवा को जापानी कलाकार रियो तानिगुचि ने डिजाइन किया है। 
पदक: रिसायकल सेलफोन और इलेक्टॉनिक्स आइटम से बने हाेंगे।
लोगो: नीले रंग के चेक से बने लोगो को जापानी कलाकार असाओ टोकोलो ने बनाया है।
23 जुलाई से आठ अगस्त तक टोक्यो में होेंगे खेल 
33 खेलों की 50 अलग-अलग वर्ग की 339 पदक स्पर्धाएं होंगी 
1.14 लाख करोड़ के खर्च का अनुमान 
टोक्यो ओलम्पिक अब तक के सबसे महंगे ओलंपिक होने वाले हैं। कोरोना के कारण जो सेफ्टी मेजर्स किए जा रहे हैं, उनकी वजह से करीब 20 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त  खर्च आयोजन में जुड़ेगा। आयोजन में कुल 1.14 लाख करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है।
1964 के बाद ये दूसरा मौका है जब इन खेलों का आयोजन टोक्यो में हो रहा है। भले ही इन खेल 2021 में हो रहे हैं, लेकिन इनको 2020 ओलंपिक ही कहा जाएगा। खेलों के दौरान जो पदक दिए जाएंगे, खिलाड़ियों की जर्सी, टेलीविजन ग्राफिक्स तक पर भी टोक्यो 2020 ही लिखा दिखेगा।

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